BREXIT के हक में नहीं थे युवा, जनमत संग्रह में बूढ़ों की चली

Edited By ,Updated: 24 Jun, 2016 09:53 PM

youth in not in the favour of brexit the old men of the referendum lasted

ब्रिटेन में यूरोपीय यूनियन से हटने का फैसला शुक्रवार को जनमत संग्रह के माध्यम से सबके सामने आ ...

नई दिल्ली: ब्रिटेन में यूरोपीय यूनियन से हटने का फैसला शुक्रवार को जनमत संग्रह के माध्यम से सबके सामने आ गया। इस फैसले ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की मुश्किलें बढ़ा दी वहीं ईयू में बने बाकी देशों के लिए भी एक सवाल छोड़ दिया। चलिए जो भी है इस सबके बीच अगर हम जनमत संग्रह की बात करें तो बड़ा रोचक तथ्य हमारे सामने यह आता है कि यूरोपीय यूनियन से हटने के पक्ष में जो वोटिंग हुई है उसमें ब्रिटेन के बूढ़ों (50 से अधिक उम्र)का सबसे बड़ा योगदान है। 


एक आंकड़ा बताता है कि 18 से 24 साल की आयु वर्ग के 64 प्रतिशत वोटरों ने, 25 से 49 आयु वर्ग के वोटरों ने ईयू में 45 प्रतिशत बने रहने के पक्ष में वोटिंग की जबकि 50 से 64 आयु वर्ग के 49 प्रतिशत लोगों ने इस पक्ष में वोट डाले कि ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग हो जाना चाहिए। इसी तरह 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 58 प्रतिशत लोगों ने भी ईयू में न बने रहने के लिए वोट डाले। 65 से अधिक आयु वर्ग के सिर्फ 33 प्रतिशत लोगों ने ईयू में बने रहने के पक्ष में वोट डाले।
 

युवाओं के लिए बुजुर्गों ने खोदी कब्र!
अगर हम उम्र जीने के हिसाब से इस फैसले की बात करें तो 18 से 24 साल की उम्र के युवा अपनी जिंदगी के औसतन 69 साल तक यह फैसला झेलेंगे जबकि 25 से 49 वर्ष की उम्र के लोगों के मामले में यह आंकड़ा 52 साल है। इसी प्रकार जनमत संग्रह में बड़ा योगदान डालने वाले 50 से 64 उम्र वाले 31 वर्ष व 64 से ज्यादा उम्र वाले औसतन 16 साल इस फैसले को जिएंगे। यानि कहीं बूढ़ों ने अपने फैसले से युवाओं के लिए कब्र तो नहीं खोद दी कहीं।
 

 

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