रियो में इतिहास रच भारत लौटी साक्षी का जोरदार स्वागत

Edited By ,Updated: 24 Aug, 2016 01:48 PM

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भारत को रियो ओलिंपिक खेलों का पहला पदक दिलवाने वाली महिला पहलवान और कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक बुधवार...

नई दिल्ली: भारत को रियो ओलिंपिक खेलों का पहला पदक दिलवाने वाली महिला पहलवान और कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक बुधवार को स्वदेश लौट आईं जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। साक्षी जब इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पर पहुंची तो वहां बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उनका फूल मालाएं पहनाकर जमकर स्वागत किया। साक्षी ने यहां पत्रकारों से कहा कि पूरे हिंदुस्तान ने मेरा साथ दिया और जिस तरह का स्वागत मेरा हुआ है मैं उसे देखकर हैरान हूं और बहुत ही खुश हूं। मैं सभी की आभारी हूं। 

साक्षी को देख पिता हुए भावुक

साक्षी के पिता सुखबीर मलिक जब हवाई अड्डे पर अपनी बेटी से मिले और उसके गले में पदक देखा तो काफी भावुक हो गए।  उन्होंने कहा कि मुझे उसकी उपलब्धियों पर गर्व है। मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को उस पर गर्व है। उसने अपने देश और राज्य को गौरवांवित किया है। उसका पदक भारत का पदक है। सुखबीर ने बताया कि लोगों ने उनसे कहा था कि कुश्ती लड़कियों का खेल नहीं है

 

खट्टर ने साक्षी को दिया ढाई करोड़ रूपए का चेक 

बहादुरगढ़ में साक्षी के सम्मान में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने महिला पहलवान को ढाई करोड़ रूपए का चेक वितरित किया। इस दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री और बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। साक्षी ने महिलाओं के 58 किग्रा भार वर्ग कुश्ती में रेपचेज राउंड में कांस्य पदक जीता था जो रियो ओलंपिक खेलों में भारत को मिला पहला पदक था। इसके बाद बैडमिंटन में पीवी सिंधू ने रजत पदक जीता और 118 सदस्यीय भारतीय दिल मात्र इन दो महिलाओं के पदक के साथ ही स्वदेश लौट सका।  

साक्षी का सपना हुआ सच

ओलिंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली महिला पहलवान बनीं साक्षी ने कहा कि मैंने ओलिंपिक और उसमें पदक जीतने का सपना देखा था लेकिन कभी नहीं सोचा था कि मैं ध्वजवाहक बनूंगी। मेरा वह सपना भी सच हो गया। मेरे लिए यह बड़े सम्मान की बात है। साक्षी को समापन समारोह में ध्वजवाहक बनाया गया था।  साक्षी को उनकी इस उपलब्धि के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए भी चुना गया है। उन्हें 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में अन्य खिलाड़ियों के साथ सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं खेल रत्न मिलने को लेकर बहुत खुश हूं।

 

साक्षी बनी  ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ की ब्रैंड अम्बैस्डर

साक्षी को ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ कार्यक्रम के लिए हरियाणा का ब्रैंड अम्बैस्डर भी नियुक्त किया गया।  खट्टर ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश की बेटियों ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया। हमारी दो बेटियों साक्षी मलिक और पीवी सिंधु (रियो खेलों में महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली) ने देश को गौरवांवित किया।  उन्होंने कहा कि एक बार फिर हरियाणा के खिलाडिय़ों ने देश और राज्य का सिर गर्व से उंचा किया है।  

साक्षी ने की-‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ अभियान की सराहना

‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ की सराहना करते हुए साक्षी ने कहा कि अब हमने इसमें बेटी खिलाओ भी जोड़ दिया है। इस 23 वर्षीय खिलाड़ी को बहादुरगढ़ में पारंपरिक पगड़ी देकर सम्मानित किया गया।  रियो खेलों में भारत के पदकों का खाता खोलने वाली साक्षी कई पड़ावों से होती हुई अपने गांव मोखरा पहुंचेंगी। खट्टर ने साथ ही साक्षी के गांव मोखरा खास में खेल नर्सरी और स्टेडियम में निर्माण की भी घोषणा की।  उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। भविष्य में हम खेलों को बढ़ावा देने के लिए गांव और ब्लाक स्तर पर 1000 कोचों की नियुक्तियां करने वाले हैं।

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