Edited By ,Updated: 24 Aug, 2016 12:18 PM
शादी के बाद हर औरत का मां बनने का सपना होता है। मां बनने की चाह में अक्सर वर्किंग महिलाओं को जॉब से ब्रेक लेना पड़ता है।
लंदनः शादी के बाद हर औरत का मां बनने का सपना होता है। मां बनने की चाह में अक्सर वर्किंग महिलाओं को जॉब से ब्रेक लेना पड़ता है। इसकी कीमत उन्हें सैलरी और प्रमोशन में समझौते से चुकानी पड़ती है। मां बनने के बाद उनकी सैलरी में पुरुषों की तुलना में करीब 33 प्रतिशत तक की कमी आती है। यह अंतर 12 साल तक बढ़ता है। यह दावा ब्रिटेन के प्रतिष्ठत संस्थान इंस्टीट्यूट फॉर फिस्कल स्टडीज (आई.एफ.एस.) ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। इसमें बताया है कि जब महिलाएं युवा होती हैं तो किस तरह से सैलरी बढ़ती है लेकिन पहले शादी और फिर बच्चे के बाद यह अंतर बढ़ता जाता है।
प्रेग्नैंसी के दौरान और बाद में उन्हें कुछ समय के लिए छुट्टी लेनी पड़ती है। इसके कारण वर्किंग माएं प्रमोशन, एक्सपीरियंस और सैलरी बढ़ने का मौका खो देती हैं। हालांकि पिछले 2 दशकों में पुरुषों और महिलाओं के बीच प्रति घंटा वेतन का अंतर कुछ कम हुआ है लेकिन अभी भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में औसतन प्रति घंटे भुगतान 18 प्रतिशत कम होता है।