सेबी ने कृषि उत्पादों के लिए भंडारगृहों के नियमों की समीक्षा की

Edited By ,Updated: 24 Aug, 2016 02:37 PM

sebi agricultural products

माल गोदामों से उत्पादों की डिलीवरी और उनकी निपटान गतिविधियों में सुधार लाने के लिए बाजार नियामक सेबी कृषि उत्पादों के भंडारण नियमों की समीक्षा कर रहा है।

नई दिल्लीः माल गोदामों से उत्पादों की डिलीवरी और उनकी निपटान गतिविधियों में सुधार लाने के लिए बाजार नियामक सेबी कृषि उत्पादों के भंडारण नियमों की समीक्षा कर रहा है। उपभोक्ता जिंस वायदा बाजारों में जिन कृषि उत्पादों के सौदे किए जाते हैं उनके भंडारण नियमों की समीक्षा की जा रही है। सेबी ने यह जानकारी वर्ष 2015-16 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में दी है। 

 

नियामक ने रिपोर्ट में कहा है, ‘‘उपभोक्ता जिंस वायदा बाजारों में माल की डिलीवरी प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए भंडारण सुविधाआें को मजबूत बनाने के उद्देश्य से सेबी नियमों की समीक्षा कर रहा है। उत्पादों का भंडारण वैज्ञानिक तरीके से हो और नियमों में पारदर्शिता हो ताकि समूची प्रक्रिया को आसानी से चलाया जा सके।’’ इस संबंध में इस साल जून में एक परिचर्चा दस्तावेज सार्वजनिक टिप्पणी के लिए जारी किया गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सभी संबंध पक्षों से उनके सुझाव मांगे हैं।   

 

जिंसों के भंडारण की सुविधायें तथा इससे जुड़ी दूसरी सेवाआें की जिंस वायदा बाजारों के कामकाज और डिलीवरी प्रणाली में अहम भूमिका है। एक प्रभावी वायदा जिंस बाजार के लिए मजबूत और विश्वसनीय भंडारण सुविधाआें का होना जरूरी है। यह बाजार में कारोबार करने वालों में विश्वास बढ़ाने के लिये भी जरूरी है।   

 

नियमों के मुताबिक भंडारण सेवाएं देने वाली एक कार्पोरेट इकाई होनी चाहिए जिसकी शेयर पूंजी 10 करोड़ रुपए हो। विविध उत्पादों के लिए भंडारण सेवाएं देने वाली मान्यता प्राप्त इकाइयों की न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़ रुपए और एक उत्पाद के लिए 25 करोड़ रुपए होनी चाहिए। प्रस्ताव के मुताबिक उपभोक्ता जिंस बाजारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भंडारण सेवाएं देने वाली इकाई उस कारोबार को करने के लिए ‘उपयुक्त और योग्य’ होनी चाहिए।

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