Edited By ,Updated: 29 Sep, 2016 10:57 AM
बीते मंगलवार को अंबानी बंधुओं के बीच की खुशमिजाजी अपने चरम पर नजर आई, जब अनिल अंबानी ने अपने स्वर्गीय पिता के सपने को पूरा करने के लिए अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी के साथ काम करने की कसम खाई।
नई दिल्ली: अनिल अंबानी की कम्पनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो अब एक साथ काम करेंगी। धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद हुए बंटवारे के 11 साल बाद यह पहला मौका है कि दोनों भाई साथ-साथ काम करेंगे। दोनों ने 2005 में अपने बिजनैस को अलग-अलग कर लिया था। अब दोनों कंपनियों के बीच इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करने को लेकर ‘वर्चुअल मर्जर’ एग्रीमैंट हुआ है। इसमेंं मोबाइल टावर, ऑप्टिकल फाइबर नैटवर्क, आरकॉम के स्पैक्ट्रम और जियो की 4जी एल.टी.ई. तथा इलैक्ट्रॉनिक्स सॢवसिज शामिल हैं। बता दें कि रिलायंस जियो ने 4जी सर्विसिज को इस महीने 6 सितम्बर को लॉन्च किया है।
और क्या बताया अनिल अंबानी ने
रिलायंस ग्रुप की मुम्बई में गत दिवस हुई एनुअल जनरल मीटिंग में अनिल अंबानी ने जियो के साथ वर्चुअल मर्जर का ऐलान किया। उन्होंने शेयर होल्डर्स को बताया, ‘‘आरकॉम और जियो ने स्पैक्ट्रम की ट्रेडिंग और शेयरिंग के लिए समझौता किया है।’’ इसके तहत दोनों के बीच टावर और फाइबर शेयरिंग के एग्रीमैंट्स भी साइन हुए हैं।
दोनों भाइयों को क्या होगा फायदा
स्पैक्ट्रम शेयर करने से जियो और आरकॉम का खर्च कम होगा जबकि कम्पीटीशन में रहते हुए दोनों कम्पनियों को भारी-भरकम खर्च करना पड़ेगा। अनिल अंबानी ने कहा, ‘‘कम्पनी को 2जी, 3जी और 4जी के लिए गुड क्वालिटी के स्पैक्ट्रम की जरूरत है, जिसे इस मर्जर से पूरा किया जा सकेगा।’’
एक दशक पहले अंबानी भाइयों में हुआ बिजनैस का बंटवारा
अंबानी भाइयों में 18 जून 2005 को बिजनैस को लेकर बंटवारा हुआ था। यह देश का संभवत: सबसे हाई प्रोफाइल फैमिली बंटवारा था। इस बंटवारे के बाद दोनों भाइयों में नजदीकी बनी रही लेकिन उनके बिजनैस अलग-अलग रहे। इस बंटवारे में टैलीकॉम, पावर और फाइनैंशियल बिजनैस अनिल अंबानी को मिला, वहीं ऑयल और पैट्रोकैमीकल्स बिजनैस मुकेश अंबानी के पास रहा।