Edited By ,Updated: 24 Oct, 2016 11:15 AM
बहादुर बेटे का पार्थिव शरीर देखकर मां रोई नहीं बल्कि गर्व कर रही है जी हां।
जम्मू: बहादुर बेटे का पार्थिव शरीर देखकर मां रोई नहीं बल्कि गर्व कर रही है जी हां। बेटे की वीरगति पर मां और पिता दोनों की आंखों से आंसू नहीं बल्कि होठों से गर्व के शब्द फूट रहे हैं।
शहीद गुरनाम सिंह का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा जब उनके वैतृक गांव आरसपुरा के भलेसर पहुंचा तो मां जसवंत कौर ने आंखों से आंसू नहीं बहने दिए। गुरनाम सिंह अपनी मां से कहते थे कि अगर उन्हें वीरगति प्राप्त हो तो मां रो नहीं। मां को आज भी वो वादा याद है।
जसवंत कौर ने कहा, मुझे आज भी वो दिन याद है। गुरनाम ने कहा था कि देश की रक्षा करते अगर मैं शहीद हो जाउं तो आप रोना नहीं। मां बार-बार कह रही थी। देख बेटा मैं रो नहीं रही हूं। मुझे तेरे साथ किया वादा याद है। मेरा बेटा बहादुर था। उसने डटकर दुश्मन का मुकाबला किया है।