मिशन नोटबंदी में शामिल थे 6 विश्वसनीय ब्यूरोक्रेट्स

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 12:14 PM

6 reliable bureaucrats were involved in the mission noteban

नोटबंदी के फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कौन-कौन शामिल थे

नई दिल्ली: नोटबंदी के फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कौन-कौन शामिल थे, इसे लेकर गत एक महीने से कई तरह की चर्चाएंं चल रही हैं। न्यूज एजैंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में अब यह दावा किया है कि नोटबंदी के फैसले में रैवेन्यू सैक्रेटरी हंसमुख अधिया सहित 6 ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे।

सभी को पी.एम. मोदी का भरोसेमंद बताया जा रहा है। एजैंसी का यह भी कहना है कि इन सभी ब्यूरोक्रेट्स को गोपनीयता की शपथ दिलाई गई थी और इसके लिए पी.एम. हाऊस में 2 कमरों में रिसर्चर्स की टीम काम कर रही थी। पी.एम. मोदी ने 8 नवम्बर को 500 और 1000 के पुराने नोट बंद करने का अचानक ऐलान किया। इस फैसले से देश में सर्कुलेशन में चल रहा 86 प्रतिशत कैश बेकार हो गया।

रॉयटर्स के मुताबिक पी.एम. मोदी ने हंसमुख अधिया और अन्य 5 ब्यूरोक्रेट्स का चयन सोच-समझ कर किया था। ये सभी ब्यूरोक्रेट्स बाहरी दुनिया की लाइम लाइट से दूर थे। इन अफसरों को मामले की पूरी समझ थी। नोटबंदी के मिशन को अंजाम देने के लिए पी.एम. मोदी के नई दिल्ली स्थित आवास पर 2 कमरे में 1 ऑफिस बनाया गया था। इनमें रिसर्चर्स की टीम ब्यूरोक्रेट्स के लिए सभी जानकारियां और जरूरी रिसर्च जुटा रही थी। माना जा रहा है कि पी.एम. मोदी ने इकोनॉमी रिफॉर्म को आगे बढ़ाने के लिए नोटबंदी की यह प्लानिंग 2014 में सत्ता में आने के बाद ही की थी।

सीधे मोदी को रिपोर्ट करती थी टीम 
मिशन नोटबंदी से जुड़ी यह टीम सीधे मोदी को रिपोर्ट करती थी। इस पूरे कैम्पेन को बैकरूम सपोर्ट मोदी के सबसे भरोसेमंद हंसमुख अधिया दे रहे थे। अधिया 2003-06 के बीच मोदी के प्रिंसीपल सैक्रेटरी रहे थे। उस वक्त पी.एम. गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस दौर से दोनों के बीच एक भरोसा बन गया था। उन्होंने ही योग के बारे में मोदी को बताया था।

गोपनीयता लीक होने का था खतरा, इसलिए 8 नवम्बर को हुआ ऐलान
मोदी के इस प्लान में पूरी गोपनीयता बरती जा रही थी लेकिन इसके लीक होने के कुछ संकेत मिल गए थे। नोटबंदी से सीधे जुड़े एक शख्स ने बताया कि नोटबंदी प्लान का 18 नवम्बर को ऐलान होने वाला था लेकिन इस बात के साफ संकेत मिल गए थे कि यह अब लीक हो सकता है।

मोदी से गुजराती में बात करते थे अधिया
नोटबंदी को लेकर इतनी गोपनीयता रखी जा रही थी कि टॉप लैवल पर बातचीत भी गुजराती में की जाती थी। अधिया जब भी नोटबंदी के मसले पर पी.एम. मोदी से मिलते थे तो दोनों की चर्चा गुजराती में ही होती थी। अधिया को सितम्बर 2015 में रैवेन्यू सैक्रेटरी बनाया गया था। इस तरह वह फाइनांस मिनिस्टर अरुण जेतली को रिपोर्ट करते हैं।

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