ई-लेनेदेन में धोखाधड़ी के मामले 73% बढ़े

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 03:00 PM

73  increase in cases of fraud in e transactions

वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान ई-लेनदेन से जुड़े साइबर अपराधों के मामले में 73.24% की बढौतरी दर्ज की गई।

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान ई-लेनदेन से जुड़े साइबर अपराधों के मामले में 73.24% की बढौतरी दर्ज की गई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 में ई-लेनदेन में धोखाधड़ी के 16,458 मामले सामने आए, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में 9,500 मामले सामने आए थे। हालांकि ई-लेनदेन में धोखाधड़ी में फंसी संपत्ति में मामूली 1.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आलोच्य वित्त वर्ष में 79 करोड़ रुपए ई-लेनदेन में धोखाधड़ी में फंसी जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 78 करोड़ रुपए रहा था।

वित्त वर्ष 2015-16 में एटीएम तथा डेबिट कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले बढ़कर 6,585 दर्ज किए गए, जिनमें 31 करोड़ रुपए फंसे जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 1,307 मामले सामने आए ,जिनमें आठ करोड़ रुपए फंसे थे।

क्रेडिट कार्ड में साइबर अपराध के 9,849 मामले सामने आए, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 7,890 मामले दर्ज किए गए थे। इंटरनेट बैंकिंग से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले में काफी कमी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2013-14 के 303 मामलों की अपेक्षा आलोच्य वित्त वर्ष में 34 मामले दर्ज किए गए। रिजर्व बैंक के द्वारा दिए गए साइबर सुरक्षा निर्देशों के तहत बैंकों को सलाह दी गई है कि वे साइबर अपराध के मामलों को घटना के दो से छह घंटे के भीतर इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम को सूचित करें।

आरबीआई ने साथ ही विभिन्न राज्यों में बैंकों के ग्राहकों की विभिन्न समस्याओं का निपटारा करने के लिए बैंकिंग ओम्बुडसमेन कार्यालय स्थापित किए हैं।

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