होजरी इंडस्ट्रीः ब्याज दरें कम करें सरकार

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 11:19 AM

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होजरी इंडस्ट्री को नोटबंदी के फैसले से बड़ा झटका लगा।

लुधियानाः होजरी इंडस्ट्री को नोटबंदी के फैसले से बड़ा झटका लगा। कई छोटे उद्यम बंदी के कगार पर आ गए। लेकिन अब इन उद्यमियों की उम्मीद जागी है बजट से। इन्हें लगता है नोटबंदी की मार से उबारने के लिए सरकार इन्हें विशेष रियायत देगी।

लुधियाना के होजरी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार को होजरी इंडस्ट्री के लिए ब्याज दरें कम करने चाहिए। इस बार नोटबंदी ने कारोबार पर काफ़ी बुरा असर डाला है, नोटबंदी अच्छा क़दम है लेकिन इसकी टाइमिंग ग़लत थी। कारोबारी चाहते हैं इसकी भरपाई के लिए सरकार ब्याज दरें कम करे और बैंक से संबंधित ऋृण प्रोसेस में रियायत दे इसके अलावा लेबर लॉ में बदलाव किया जाना चाहिए ख़ासकर होजरी इंडस्ट्री के लिए क्योंकि इंडस्ट्री लेबर को पीएफ देती है लेकिन वे अपने हिस्से का कटवाने पर एेतराज करते हैं इसलिए इस बजट में इसे भी आप्शनल करने पर विचार किया जाना चाहिए।

लुधियाना के निटवेयर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर का कहना है कि जीएसटी सरकार बहुत अच्छा क़दम है। पर हमारी मांग है कि होजरी इंडस्ट्री के लिए यह फ़ाइबर से लेकर रेडी गारमेंट तक पूरी तरह से एक समान यूनिफ़ॉर्म होना चाहिए व टैक्स स्लैब 4 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए, इससे सरकार व इंडस्ट्री दोनों को लाभ होगा।  दूसरा हम चाहते है जो म़शीनरी इंर्पोरट करते है उस पर ड्यूटी 19 प्रतिशत से अधिक है जबकि सब्सिडी 15 प्रतिशत है जो वापिस लेने में दिक्कत आती है। इंडस्ट्री चाहती है कि दूसरे देशों की तरह हमारी इंडस्ट्री के लिये भी इंर्पोरट ड्यूटी समाप्त होनी चाहिए।

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