बजट 2017: सरकार राइट टू एजुकेशन बिल में जरूरी संशोधन करे

Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 12:18 PM

budget will change the fortunes of youth

क्या इस बार बजट में रोजगार के लिए कुछ खास एेलान होंगे? क्या मोदी सरकार सरकार को याद है उसने युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का वादा किया है? ऐसे ही सवाल देश भर के कई युवाओं के मन में होंगे। बजट में युवाओं के लिए क्या एेलान होने चाहिए।

नई दिल्लीः क्या इस बार बजट में रोजगार के लिए कुछ खास एेलान होंगे? क्या मोदी सरकार सरकार को याद है उसने युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का वादा किया है? ऐसे ही सवाल देश भर के कई युवाओं के मन में होंगे। बजट में युवाओं के लिए क्या एेलान होने चाहिए।

जीएसटी और नोटबंदी रोजगार के लिए अच्छे साबित हुए हैं। टेक होम और सीटीसी में 45 फीसदी तक अंतर है। कर्मचारी तय करें कि कितनी सैलरी कटेगी और कर्मचारी ही फैसला करें कि वो कहां निवेश करेंगे। ताकि कर्मचारी को निवेश के और भी विकल्प मिलें। हालांकि सरकार कर्मचारी की सुरक्षा अपने हाथ में ही रखें लेकिन सीटीसी 45 फीसदी के अंतर को 30 या 20 फीसदी करने से जिनकी आमदनी कम, उन पर कम बोझ हो।

रोजगार के लिए नोटबंदी कैसे होगी अच्छी
नोटबंदी रोजगार के लिए अच्छी कैसे हो सकती है, जानकारों के अनुसार हमारे उद्योग कायदे-कानून से बचते हैं और हमारे पास 6.3 करोड़ कंपनियां हैं। जिनमें से 1.2 करोड़ कंपनियों के पास ऑफिस नहीं है। सिर्फ 85 लाख के पास टैक्स रजिस्ट्रेशन है और मौजूदा समय में सिर्फ 11 लाख कंपनियां पीएफ और ईएसआईसी से जुड़ीं है। नोटबंदी ने उद्योगों के इस रवैये पर चोट की है जो रोजगार के लिए बेहद बेहतर साबित हुई है।

जानकारों के मुताबिक रोजगार पर फोकस करने के लिए सरकार को इस बजट में राइट टू एजुकेशन बिल में जरूरी संशोधन करना होगा और युवाओं को स्किलफुल बनाने पर जोर देना होगा। राइट टू लर्निंग एक्ट बनाना बेहद जरूरी है। इसे पहचानने के लिए स्कूलों को परफॉर्मेंस मैनेजमेंट करना पड़ेगा और ब्यूरोक्रेसी में बदलाव बेहद जरूरी है।

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