ई-वॉलेट कंपनियों के भविष्य पर सवाल

Edited By ,Updated: 18 Feb, 2017 03:22 PM

questions on the future of e wallet companies

भारी कैशबैक और डिस्काऊंट के दम पर बिजनेस बढ़ाने में लगी पेटीएम जैसी ई-वॉलेट कंपनियों के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। देश के दिग्गज बैंक एचडीएफसी के एमडी और सीईओ आदित्य पुरी ने इन कंपनियों के बिजनेस मॉडल

नई दिल्लीः भारी कैशबैक और डिस्काऊंट के दम पर बिजनेस बढ़ाने में लगी पेटीएम जैसी ई-वॉलेट कंपनियों के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। देश के दिग्गज बैंक एचडीएफसी के एमडी और सीईओ आदित्य पुरी ने इन कंपनियों के बिजनेस मॉडल पर तीखी टिप्पणी की है। पुरी का कहना है कि ई-वॉलेट बिजनेस में पैसा नहीं है। ऐसे में 500 रुपए के बिल पर 250 रुपए का कैशबैक देने वाला बिजनेस टिक नहीं सकता। पुरी ने पेटीएम के बिजनेस मॉडल पर भी तीखी टिप्पणी की।

भारत में मोबाइल वॉलेट के कारोबार पर बात करें तो ये भारत में 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है जिसके 2022 तक 32,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। देश भर में पेटीएम के 18-19 करोड़ और मोबिक्विक के 3.2 करोड़ यूजर्स हैं। वहीं फोन पे के 1 करोड़ और फ्रीचार्ज के 3.5 करोड़ डाउनलोड हो चुके हैं।
 

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