Edited By ,Updated: 19 Feb, 2017 07:54 PM
उसकी शुरू से ही लड़का बनने की चाह थी। बचपन से ही लड़कों जैसे सभी शौक थे। चाहे चाल हो, या कोई काम हो सभी काम उसे लड़कों की तरह ही करना पसंद था।
गुडग़ांव : उसकी शुरू से ही लड़का बनने की चाह थी। बचपन से ही लड़कों जैसे सभी शौक थे। चाहे चाल हो, या कोई काम हो सभी काम उसे लड़कों की तरह ही करना पसंद था। उसने लड़की से लड़का बनने का फैसला लिया और जेंडर चेंज करा लिया। यह कहानी है सुल्तानपुर के रहने वाले माया से राजबीर बने लड़के की। 28 साल के राजबीर ने बताया कि पिता का साया परिवार से 5 साल पहले उठ गया था। घर में 2 बहनों व 2 भाई सहित मेरी जिम्मेदारी का बोझ मां पर आ गया था। यही कारण था कि मैंने परिवार की जिम्मेदारी मां के साथ अपने कंधों पर लेते हुए लड़की से लड़का बनने का फैसला लिया और जेंडर चेंज करवाया।
इस प्रक्रिया में 10 लाख रुपए आया खर्च
राजबीर ने बताया कि इस लम्बी प्रक्रिया में करीब 8 से 10 लाख रुपए का खर्चा आया है। वर्ष 2015 में दवा शुरू होने के बाद दिसंबर 2016 में यह प्रॉसेस पूरा हो गया, जिसने माया नाम की लड़की को पीछे छोड़ा और राजबीर के रूप में नया चेहरा समाज के सामने आया।
पलक झपकते ही बनाता है पेंटिंग
राजबीर ने बताया कि वह बैचलर फाइन आर्ट का थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। वह पलक झपकते ही किसी का भी चित्र आसानी से अपनी तूलिका की सहायता से दीवार, पर्दे, पेपर आदि पर उकेरने की क्षमता रखता है। इसके अलावा राजबीर अन्य युवाओं को भी चित्रकला सिखाता है।