Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 12:36 PM
सराफा कारोबारियों को जल्द ही 50,000 रुपए से अधिक के सभी लेनदेन बैंकों के जरिए करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है...
नई दिल्लीः सराफा कारोबारियों को जल्द ही 50,000 रुपए से अधिक के सभी लेनदेन बैंकों के जरिए करने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है क्योंकि सरकार इस कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए नकद लेनदेन की सीमा तय करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि खुदरा सराफों को इस प्रस्ताव में छूट दी जा सकती है क्योंकि ग्राहकों को अब भी बिना पैन कार्ड का ब्योरा दिए 2 लाख रुपए तक के गहने नकद में खरीदने की मंजूरी है।
आयकर विभाग के निशाने पर थे कई कारोबारी
पिछले साल 8 नवंबर को नोटंबदी की घोषणा के तुरंत बाद आभूषणों की बिक्री में भारी बढ़ौतरी की वजह से बहुत से सराफा कारोबारी आयकर विभाग के निशाने पर थे। माना जा रहा है कि बहुत से आभूषण विक्रेताओं ने ग्राहकों से सरकार द्वारा बंद किए गए नोट स्वीकार कर ऊंचे दामों पर सोना बेचा था। बाद में आयकर विभाग ने अपनी जांच में पाया था कि उस समय ऐसे बहुत से सौदे हुए जिनमें बिल अलग नाम पर बनाए गए और डिलिवरी अन्य किसी व्यक्ति को हुई। ऐसे सौदों की वजह से यह प्रस्ताव रखा गया कि आयातक या द्वितीयक विक्रेता द्वारा सोने की बिक्री औपचारिक डिलिवरी नियम के खिलाफ है। इसमें यह सुनिश्चित होगा कि डीलर को ऑर्डर मिला है और उसने उसी खरीदार से बैंकिंग माध्यम से पैसा स्वीकार करके सोना बेचा है।
तस्करी का मसला लगभग खत्म
सूत्रों ने कहा कि भविष्य में जब सरकार गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज को मंजूरी देगी तो सराफा कारोबारियों के प्लेटफॉर्म पर सौदे करने की अनुपालना काफी मददगार होगी। एक सूत्र ने कहा कि तस्करी का मसला लगभग खत्म हो गया है। अब बहुत कम मात्रा में अवैध सोना भारत में आ रहा है। एक सूत्र ने कहा कि इसी वजह से शुल्क में कटौती की मांग नहीं सुनी गई और न ही सरकार ऐसे किसी कदम पर विचार कर रही है।
हालांकि एक प्रस्ताव यह भी रखा गया था कि गोल्ड डोर (अप्रसंस्कृत सोने) रिफाइनरियों को 75 फीसदी से कम शुद्धता वाले सोने के आयात को कहा जाए, लेकिन ऐसा लगता है कि भागीदारों को यह प्रस्ताव पसंद नहीं आया है। सूत्रों ने कहा, 'इसके लिए एक अन्य समाधान का प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें रिफाइनरियों को केवल मनोनीत एजेंसियों या बैंकों के जरिए डोर के आयात के लिए कहा जा सकता है।'