राजीव गांधी और नरसिंहराव के शासनकाल में भी विफल हुई थी राममंदिर मुद्दे पर बातचीत

Edited By ,Updated: 22 Mar, 2017 04:28 PM

ram temple had failed talks

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज कहा कि पुराने अनुभव के आधार पर ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की हालिया सलाह के अनुरूप बातचीत के आधार पर अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद का हल होना मुश्किल है।

अहमदाबाद: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज कहा कि पुराने अनुभव के आधार पर ऐसा लगता है कि सुप्रीम कोर्ट की हालिया सलाह के अनुरूप बातचीत के आधार पर अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद का हल होना मुश्किल है। संघ के पश्चिम क्षेत्र के संघचालक डा. जयंतिभाई भादेसिया ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अदालत ने भले ही इस मामले का आस्था का मुद्दा बताते हुए इसे आपसी बातचीत से हल करने का सुझाव दिया है पर पुराना अनुभव दर्शाता है कि ऐसा होना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमिटी ने कहा था कि अगर इस तरह के साक्ष्य मिल जाए कि बाबरी मस्जिद के नीचे मंदिर था तो वह अपने आप इसे रामजन्मभूमि न्यास को सौंप देंगे। पर जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में ऐसी बात सामने आई तो वह अपनी बात से मुकर गए।

पूर्व में प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिंहराव के शासनकाल समेत तीन बार बातचीत के आधार पर इस मामले को सुलझाने के प्रयास विफल रहे हैं। इस मामले का हल या तो अदालत के फैसले से अथवा संसद के जरिए कानून बना कर ही हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि अदालत के हालिया सुझाव के अनुरूप होने वाली किसी भी बातचीत में हिंदू पक्ष की ओर से संतों की धर्म संसद को अपनी बात रखनी चाहिए। डा भादेसिया ने कहा कि सरकार में बैठे लोग भी राममंदिर निर्माण के पक्ष में है पर सरकार में होने के कारण नियम का पालन करना उनकी मजबूरी है।

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