MCD चुनाव प्रचार समाप्त, केजरीवाल की प्रतिष्ठा दांव पर

Edited By ,Updated: 21 Apr, 2017 04:58 PM

delhi corporation election campaign ends

भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने दिल्ली के नगर निगमों के चुनाव के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने दिल्ली के नगर निगमों के चुनाव के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी(आप) के मैदान में रहने से यह पहला मौका है जब निगम चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। अभी तक निगम चुनावों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के बीच मुय मुकाबला होता था।

दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने 23 अप्रैल को मतदान शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली पुलिस के अलावा अद्र्धसैनिक बल भी तैनात रहेंगे। कुल 13 हजार 234 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले जाएंगे। इस बार निगम चुनावों में कुल 2537 उमीदवार मैदान में हैं।

भाजपा , कांग्रेस और आप के अलावा आप पार्टी से निष्कासित योगेन्द्र यादव की स्वराज इंडिया भी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में हैं। राष्ट्रवादी कांग्र्रेस पार्टी(राकंपा), जनता दल (यू), समाजवादी पार्टी(सपा), बहुजन समाज पार्टी(बसपा), वामपंथी दलों के अलावा कुछ अन्य पार्टियों ने भी कई वार्डों में उमीदवार खड़े किए हैं।

तीनों ही प्रमुख दलों के लिए निगम चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली आप पार्टी जहां पंजाब और गोवा विधानसभा चुनाव की हार से उबरने की कोशिश में हैं वहीं भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के सहारे तीसरी बार निगम पर काबिज होने का सपना देख रही है। कांग्रेस 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूरी तरह सुपड़ा साफ होने के बाद अपनी खोई भी जमीन को हासिल करने के जी-जान से जुटी हुई है।

हालांकि चुनाव से चंद दिन पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली और दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अमित मलिक के भाजपा में शामिल होने से उसे करारा झटका लगा है। दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह के आरोपों से भी पार्टी को नुकसान होने की आशंका है। तीनों ही प्रमुख दलों ने दिल्ली की सफाई को अपना मुय मुद्दा बनाया है। भाजपा ने सत्ता में आने पर अगले पांच साल तक किसी प्रकार का नया कर नहीं लगाने और जरूरतमंदों को 10 रुपए अंत्योदय योजना के तहत भोजन मुहैय्या कराने जैसे लोक-लुभावने वादे किए हैं।

कांग्रेस ने भी जीतने पर अगले पांच साल तक कोई न कर नहीं लगाने, भागीदारी योजना को फिर से लागू करने और वर्तमान संसाधन का बेहतर दोहन कर निगम को एक साल में वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही भ्रष्टाचार को खत्म करने का भरोसा दिया है। पार्टी ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए लाइसेंस देने के साथ प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने का वादा किया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!