Edited By ,Updated: 27 Apr, 2017 06:29 PM
बेशुमार दौलत से भरपूर हर साल होने वाली टी20 लीग ने भले ही कई प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों...
लखनउ: बेशुमार दौलत से भरपूर हर साल होने वाली टी20 लीग ने भले ही कई प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया हो, लेकिन कई एेसे भी हैं, जो इस लीग में कुछ वक्त चमकने के बाद गुमनामी के अंधेरों में खो गये। इनमें ‘टारनेडो’ के नाम से मशहूर हुए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज कामरान खान भी शामिल हैं। मगर उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। पिछले पांच साल से टी20 लीग से दूर चल रहे कामरान आश्वस्त हैं कि वह जल्द ही वापसी करेंगे और इसके लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
फिलहाल एक चीज जो उनके खिलाफ जा रही है, वह है किस्मत। उनका कहना है कि पिछले साल उनकी बातचीत टी20 लीग फ्रेंचाइजी ‘दिल्ली’ से चल रही थी, और उसके शिविर में हिस्सा भी लिया था लेकिन एेन वक्त पर वह एक दुर्घटना में चोटिल हो गये। रणजी के चयन में लगातार विफलता के बाद वर्ष 2009 में टी20 लीग में राजस्थान की तरफ से पदार्पण करते हुए अपने जानदार प्रदर्शन से अचानक सुर्खियों में आये कामरान ने बातचीत में कहा कि वह चोट से उबरकर इस वक्त अमरोहा के डीएनएस कालेज स्थित एकेडमी में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि वह जल्द ही वापसी करेंगे।
फिलहाल वह एयर इंडिया और मुंबई के पैयडे क्लब से खेलते हैं। वर्ष 2009 में रायल्स के कप्तान और कोच शेन वार्न ने एक खास गेंदबाजी एक्शन वाले कामरान को उनकी खूबी की वजह से ‘टारनेडो’ का नाम दिया था। चोटिल होने के बाद वर्ष 2010 में रायल्स में वापसी करने वाले 26 वर्षीय कामरान ने साल 2011 में पुणे वारियर्स की तरफ से चार मैच खेले। वह 2013 तक टीम से तो जुड़े रहे लेकिन मैदान पर नहीं उतरे। उसके बाद वह गर्दिश में खो गये।
भाषा