राम प्यारा जी जन्मदिन कल: योग को हर घर में पहुंचाना था इनका लक्ष्य

Edited By ,Updated: 17 May, 2017 09:47 AM

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भारत की धरती पवित्र आत्माओं की धरती है। इसी धरती पर योगीराज स्वामी राम प्यारा जी ने अनगिनत लोगों को योग द्वारा स्वास्थ्य से समाधि का मार्ग प्रशस्त किया। इनका जन्म 18 मई, 1916 में

भारत की धरती पवित्र आत्माओं की धरती है। इसी धरती पर योगीराज स्वामी राम प्यारा जी ने अनगिनत लोगों को योग द्वारा स्वास्थ्य से समाधि का मार्ग प्रशस्त किया। इनका जन्म 18 मई, 1916 में निक्कू नंगल गांव में हुआ। इनके पिता ठाकुर विजय सिंह जी किसानी करते थे। आर्थिक स्थिति अच्छी न होते हुए भी वह इनके बुद्धि कौशल को देख इन्हें उच्च शिक्षा दिलाना चाहते थे परंतु अल्पायु में ही वह निर्वाण को प्राप्त हो गए। इसके बाद घर का सारा बोझ इनके कंधों पर आ गया परंतु वह पीछे नहीं हटे। कड़ी मेहनत के बावजूद किसानी से आर्थिक स्थिति अच्छी न हो सकी। दिहाड़ी-मजदूरी से भी जब काम न बना तो अपने अच्छे भविष्य के लिए अमृतसर आकर एक दुकान पर नौकरी करने लगे।


एक दिन वह अपने परिचित श्री मथुरादास जी की सहायता से सद्गुरु मुलख राज जी की शरण में छहर्टा पहुंच गए। श्री मुलखराज जी के चरणों में इतना अनुराग बढ़ गया कि सायं दुकान से छुट्टी मिलते ही अमृतसर से गाड़ी द्वारा छहर्टा आश्रम पहुंच जाते। सुबह सत्गुरु के उठने से पहले आश्रम में झाड़ू लगाते, गुरु के स्नान की व्यवस्था, पूजा-सामग्री का बंदोबस्त तथा सद्गुरु को नाश्ता करा और फिर अमृतसर नौकरी पर पहुंच जाना इनकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया।


सन् 1940 में ये नौकरी छोड़ आश्रम की सेवा में पूर्णत: रम गए और इनकी अटूट निष्ठा तथा सेवा भक्ति को देखते हुए योगीराज मुलखराज जी ने सन् 1957 में बसंत पंचमी वाले दिन समस्त योग आश्रमों की व्यवस्था का कार्यभार उन्हें सौंप दिया। इसी दौरान इन्हें सद्गुरु के सान्निध्य में लाहौर, छहर्टा, ऋषिकेश, हरिद्वार, स्वांईग्राम व अन्य आश्रमों की सेवा का अवस मिला।


ई.सन् 1960 में श्री मुलखराज महाराज के निर्वाण के पश्चात योग की गतिविधियां आप छहर्टा से चलाने लगे और उसे मुख्यालय बनाया। स्वामी राम प्यारा जी का ध्येय था योग को घर-घर पहुंचाना। इस आशय से उन्होंने गांव-गांव, शहर-शहर जाकर योग शिविर लगाए तथा अनेक आश्रमों की स्थापना की जिनमें अमृतसर गोलबाग, जालंधर, शहर, जालंधर कैंट, लुधियाना, साहिबाबाद (दिल्ली), जम्मू, नंगल, फिरोजपुर, अबोहर आदि हैं। इन समस्त आश्रमों में योग शिक्षा दी जाती है तथा विभिन्न रोगों का इलाज योग आसनों, क्रियाओं एवं मुद्राओं द्वारा बिना दवाई किया जाता है।


उनकी प्रेरणा से आज भी इन समस्त आश्रमों में लोग शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक लाभ उठा रहे हैं। स्वामी जी का 101वां अवतार दिवस 18 मई को गोल बाग अमृतसर में, 21 मई को नंगल आश्रम में तथा 28 मई को जालंधर आश्रम में मनाया जा रहा है। 

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