Edited By ,Updated: 19 May, 2017 12:37 PM
पंचक को लेकर लोग बहुत भयभीत रहते हैं। कोई भी शुभ काम से पहले पंचक का विचार अवश्य किया जाता है।
पंचक को लेकर लोग बहुत भयभीत रहते हैं। कोई भी शुभ काम से पहले पंचक का विचार अवश्य किया जाता है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र से जब चन्द्रमा गुजरता है तो पंचक लग जाता है। आज बृहस्पतिवार 18 मई की संध्या लगभग 05.45 बजे पंचक का आरंभ होगा, जो 23 मई, मंगलवार की प्रात: लगभग 05.03 तक रहेगा। माना जाता है की जो भी काम पंचक में किया जाता है, वो प्राकृतिक रूप से पांच बार हो जाता है या करना होता है। कुछ ऐसे काम हैं जो पंचक में वर्जित माने गए हैं जैसे
रूपए-पैसे का उधार न दें।
फर्निचर न खरीदें।
घर की छत न बनवाएं।
दक्षिण दिशा की यात्रा न करें।
पंचक में किसी की मृत्यु हो जाए तो पंचक शांति करवाएं।
कारोबार में कोई भी निर्णय लेने से पहले सर्तकता बरतें।
शेयर व वायदा बाजार से संबंध रखने वाले बड़े सौदों में हाथ न डालें।
चर संज्ञक धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहने के कारण घास लकड़ी ईंधन इकट्ठा नहीं करना चाहिए।
चारपाई नहीं बनवानी चाहिए।
ये काम शुभ माने गए हैं
नई नौकरी या पद ग्रहण करना शुभ होता है।
जमीन, प्रॉपर्टी और घर खरीदा जा सकता है।
शादी, सगाई, रोका किया जा सकता है।
संन्यास लेना उत्तम फल देता है।