Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jun, 2017 12:06 PM
चोरी हो चुकी टोयोटा इनोवा गाड़ी के क्लेम को रिजैक्ट करना अब इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा पड़ सकता है।
चंडीगढ़: चोरी हो चुकी टोयोटा इनोवा गाड़ी के क्लेम को रिजैक्ट करना अब इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा पड़ सकता है। डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रैडरैसल फोरम ने एक फैसले में रिलायंस जनरल इंश्योरैंस कम्पनी को सेवा में कोताही का दोषी ठहराया है। फोरम ने कम्पनी को इंश्योरैंस के साढ़े 11 लाख रुपए कस्टमर को देने के साथ 50,000 रुपए मुआवजा देने का भी फैसला सुनाया है।
यह है मामला
खरड़ के रहने वाले परमिंद्र ने पिछले साल रिलायंस कम्पनी के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी थी। परमिंद्र ने शिकायत में लिखा था कि उसने 4 अगस्त, 2013 को अपनी टोयोटा इनोवा गाड़ी की रिलायंस कम्पनी से इंश्योरैंस करवाई थी। इसमें गाड़ी की कीमत साढ़े 11 लाख रुपए थी। शिकायत के मुताबिक 15 जनवरी, 2014 को उनकी गाड़ी खरड़ से चोरी हो गई थी। चोरी से पहले गाड़ी उनके भाई दविंद्र सिंह के पास थी।
परमिंद्र ने गाड़ी चोरी होने की जानकारी कम्पनी को दी और 20 जनवरी, 2014 को क्लेम के लिए सभी जरूरी डॉक्यूमैंट्स भी कम्पनी को दे दिए लेकिन 10 नवम्बर, 2014 को कम्पनी ने उनका क्लेम क्लोज कर दिया। कम्पनी ने फाइनल नॉन-ट्रांसेबल रिपोर्ट, आर.सी. और इंजन तथा चैसीज नंबर देने की बात कह कर उनका क्लेम रिजैक्ट कर दिया। उसने 16 फरवरी, 2016 को कम्पनी को नॉन-ट्रांसेबल रिपोर्ट भी जमा करवा दी। इस सब के बावजूद उन्हें रकम नहीं मिली।
यह कहा फोरम ने
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कंज्यूमर फोरम ने कम्पनी को सेवा में कोताही का दोषी माना है और उसे साढ़े 11 लाख रुपए देने का फैसला सुनाया। फोरम ने कम्पनी को 50 हजार रुपए मुआवजा तथा 10 हजार रुपए मुकद्दमा खर्च भी देने को कहा है।