Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 10:47 AM
दार्जीलिंग क्षेत्र में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के आंदोलन और बंद के चलते चाय के निर्यात पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
कोलकाता: दार्जीलिंग क्षेत्र में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के आंदोलन और बंद के चलते चाय के निर्यात पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। विश्व प्रसिद्ध दार्जीलिंग चाय के बागानों में पत्तियों की दूसरी चुगाई का वक्त है। दूसरी चुगाई की चाय विदेशी बाजारों में अधिक पसंद की जाती है और उसकी कीमत भी ज्यादा होती है।
चाय उत्पादकों के संगठन दार्जीलिंग टी एसोसिएशन (डी.टी.ए.) के विनोद मोहन ने कहा कि आंदोलन के कारण 9 जून से दूसरी चुगाई की चाय का उत्पादन ठप्प पड़ा है। इससे निर्यातकों में भारी चिंता है और उनके सामने करीब 200 करोड़ रुपए के नुक्सान का खतरा मुंह बाए खड़ा है।