Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jun, 2017 08:11 AM
ईद उन लोगों की नहीं जिन्होंने अच्छे-अच्छे कपड़े पहन कर अपने आपको संवार लिया बल्कि ईद तो उनकी है जो
ईद उन लोगों की नहीं जिन्होंने अच्छे-अच्छे कपड़े पहन कर अपने आपको संवार लिया बल्कि ईद तो उनकी है जो रब की सजा और पकड़ से बच गए। ईद उन लोगों की है जिन्होंने अपने गुनाहों से तौबा की। ईद का अर्थ यह नहीं कि सारे पैसे अपने परिवार पर ही अच्छे कपड़े और अच्छे पकवानों पर खर्च कर दिए जाएं बल्कि इसके साथ-साथ गरीबों और यतीमों का ख्याल रखना भी जरूरी है।
ईद का अर्थ है वह खुशी जो बार-बार आए। ईद-उल-फितर अगरचे रमजान-उल-मुबारक के महीने के 30 रोजों की साधना और तपस्या के बाद मिलने वाली स्थायी खुशी और ईनाम का नाम है, जिसे सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों का त्यौहार कह कर साधारण त्यौहार के तौर पर ले लिया जाता है परन्तु यह समूह मानवता का सर्वसांझा त्यौहार और सर्व-प्रमाणित खुशी है। ईद-उल-फितर एक अवसर है एक-दूसरे को समझने और समझाने का। हमें एक दूसरे को मिठाइयां देने के साथ-साथ धर्मों के प्रति विचार-विमर्श भी करना चाहिए। ईद-उल-फितर का संदेश यही है कि इंसान अपने आप की पहचान करें और परमात्मा की पहचान को यकीनी बनाएं। रोजो से प्राप्त हुई रूहानियत की यह खुशबू ही ईद का असली ईनाम है।
चिराग दिल के जलाओ कि ईद का दिन है,
तराने झूम के गाओ कि ईद का दिन है,
गमों को दिल से भुलाओ कि ईद का दिन है,
खुशी से बज़्म सजाओ कि ईद का दिन है,
हकाूर उसके करो अब सलामती की दुआ कि ईद का दिन है,
सरे नियाज झुकाओ कि ईद का दिन है,
सभी मुरादें हों पूरी हर इक सवाली की,
दुआ को हाथ उठाओ कि ईद का दिन है।