Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 12:51 AM
क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉड्र्स के मैदान पर आज भारत के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौ....
नई दिल्ली: क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉड्र्स के मैदान पर आज भारत के पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका था। लेकिन भारतीय टीम जीत से 9 रन पहले ही दबाव में आ गई और उसे मैच गंवाना पड़ा। फाइनल में इंग्लैंड के हाथों 9 रनों से हार के बाद भारतीय कप्तान मिताली राज ने अगले विश्वकप में खेलने से इन्कार कर दिया है। हालांकि उन्होंने अभी क्रिकेट से संन्यास और कप्तानी छोडऩे को लेकर कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया है।
यह था मेरा आखिरी विश्व कप
मैच के बाद टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी और भारत की कप्तान मिताली राज ने मैच के बाद कहा कि, ये मेरा आखिरी महिला क्रिकेट विश्वकप था, मैं अगले विश्वकप में टीम इंडिया का हिस्सा नहीं रहूंगी। वहीं मिताली ने हार की वजह बताते हुए कहा, मैच के दौरान एक वक्त पर मैच बिल्कुल बैलेंस चल रही था, लेकिन खेल के महत्वपूर्ण समय में टीम दबाव में आ गई और हमने लगातार विकेट गंवा दिए, जिसकी वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा।
मिताली ने भारतीय टीम की जमकर तारीफ की
कप्तान मिताली ने भारतीय टीम की भी जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि मुझे मेरी टीम पर गर्व है, पूरी टीम ने टूर्नामेंट में बेजोड़ प्रदर्शन किया और किसी भी विरोधी टीम के लिए कोई भी मैच आसान नहीं होने दिया। इसके अलावा मिताली ने कहा कि जिस तरह का सपोर्ट महिला क्रिकेट को विश्वकप के दौरान मिला है, इससे हमारी हौंसला अफज़ाई मिलती है, फाइनल के दौरान स्टेडियम के पूरे भरे होने से खिलाडिय़ों को हौंसला मिलता है। साथ ही मिताली ने टीम की सबसे अनुभवी गेंदबाज़ी झूलन गोस्वामी की तारीफ करते हुए कहा कि वो हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हैं।
मिताली राज ने साल 1999 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। जिसके बाद वो साल 2004 में भारतीय कप्तान बनी। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम साल 2005 और 2017 के विश्वकप फाइनल तक भी पहुंची। मिताली ने भारतीय टीम के लिए कुल 185 वनडे मैचों में 51.87 के औसत से 6173रन बनाए हैं।