Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 09:12 PM
एक ही पार्टी की सरकारें अपने वादों को लेकर किस कदर दोहरे मापदंड अपनती हैं। इसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है।
देहरादूनः एक ही पार्टी की सरकारें अपने वादों को लेकर किस कदर दोहरे मापदंड अपनती हैं। इसका ताजा उदाहरण उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। यूपी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने कार्यभार संभालते ही पहले अपनी पार्टी के चुनावी वादों को महत्ता दी। किसानों की कर्ज माफी करके सबसे बड़े वादे को पूरा करके उदाहरण पेश किया। उधर, उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का हाल ये हैं कि सरकार का कोई भी आदमी 100 दिन से ज्यादा का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी कर्ज माफी पर बात करने को तैयार नहीं है।
रही सही कसर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अजय भट्ट के उस बयान ने पूरी कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार के पास कर्ज माफी के लिए बजट नहीं है और अपने वादे पूरे करने के लिए सरकार के पास पूरे पांच साल पड़े हुए हैं। इन परिस्थतियों में सरकार आने बाद कर्ज माफी की बांट जोह रहे किसानों अपने-आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव के समय किसानों की ऋण माफी का वादा राज्य सरकार को पांच साल में पूरा करना है। जैसे ही प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुदृढ होगी, हम इस वादे को निभाएंगे। विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार पर किसानों की कर्ज माफी का दबाव बनाए जाने के सवाल पर भट्ट ने यह प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कांग्रेस पर प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब करने का आरोप लगाया और कहा कि वह सत्ता से जाते-जाते खजाने को भी खाली कर गयी। भट्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के उस पत्र का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पिछले मुख्यमंत्री हरीश रावत से किसानों के ऋण माफ करने की मांग की थी।
इस पर उन्होंने कहा, 'अपनी सरकार से तो वे (कांग्रेस) ऋण माफ नहीं करवा सके।हमारी सरकार के खिलाफ इस मुददे को लेकर आंदोलित हो रहे हैं।' भाजपा नेता ने कहा कि वह किसानों के कल्याण के लिये प्रतिबद्व है और जल्दी ही प्रदेश में एक किसान आयोग का गठन किया जाएगा।
भट्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए एक लाख तक के कर्ज पर ब्याज में दो प्रतिशत राहत की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा वर्ष 2013 में आयी आपदा से पीडि़त किसानों को ब्याज मुक्त कर्ज दिया जा रहा है।