Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 10:13 AM
यह सच है कि लालू व उनके परिवार का बिहार में सत्ता से दूर रहना बिहार की जनता के हित में है। वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह भी उतना
नई दिल्ली: यह सच है कि लालू व उनके परिवार का बिहार में सत्ता से दूर रहना बिहार की जनता के हित में है। वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह भी उतना ही सच है कि नीतीश कुमार मौकापरस्ती के नए ब्रांड एम्बैसेडर बनते जा रहे हैं। लालू यादव भ्रष्ट हैं यह सर्वविदित तथ्य है, फिर भी नीतीश बिना परवाह किए गठबंधन की मलाई खाते रहे।
वह अब तेजस्वी के भ्रष्टाचार पर नौटंकी कर रहे हैं। तेजस्वी पर भ्रष्टाचार का आरोप लोगों के लिए कोई चौंकाने वाली खबर नहीं थी लेकिन नीतीश ऐसी प्रतिक्रिया कर रहे हैं मानो वह तेजस्वी को लालू का नहीं हरिश्चन्द्र का बेटा समझकर मंत्रिमंडल में शामिल किए हों। नीतीश चाहते तो तेजस्वी को बर्खास्त कर अपनी ज्यादा बड़ी ईमानदारी साबित कर सकते थे।
इस तरह से भाजपा के पाले में जाना मौकापरस्ती की पराकाष्ठा है। एक बात और लालू यादव की जितनी भी आलोचना की जाए लेकिन लालू जल्दी लाइन नहीं बदलते हैं। मुस्लिम-यादव की राजनीति की तो उस पर डटे हुए हैं। भाजपा उनके लिए अछूत है तो है। बुरे से बुरे दौर में भी भाजपा से दोस्ती बढ़ाने की खबर नहीं आई लेकिन नीतीश जी अब ट्रैक बदलने के मास्टर होते जा रहे हैं।