संक्रांति: शुभ मुहूर्त, कैसे संवरेगा आज और आने वाला जन्म

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Aug, 2017 01:32 PM

sankranti auspicious muhurta

हिन्दू पंचांग के अनुसार जन भाद्रपद अर्थात भादो माह में जब सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं तो उस संक्रांति को सिंह संक्रांति कहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। सिंह संक्रांति को घी

हिन्दू पंचांग के अनुसार जन भाद्रपद अर्थात भादो माह में जब सूर्यदेव अपनी राशि परिवर्तन करते हैं तो उस संक्रांति को सिंह संक्रांति कहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करते हैं। सिंह संक्रांति को घी संक्रांति या ओल्गी संक्रांति भी कहते हैं। सिंह संक्रांति कृषि और पशुपालन से जुड़ा हुआ पर्व है। श्रावण माह के बाद भाद्रपद में उगाई जाने वाली फसलों में बालियां आने लगती हैं। किसान अच्छी फसलों की कामना करते हुए घी संक्रांति पूजा कर खुशी मनाते हैं।


ज्योतिषशास्त्र के पंचांग खंड अनुसार सूर्यदेव की सिंह संक्रांति अर्थात घी संक्रांति का पर्व गुरुवार दिनांक 17.08.17 को मनाया जाएगा। सूर्यदेव कर्क राशि से सिंह राशि में गुरुवार दिनांक 17.08.17 को रात 01 बजकर 01 मिनट पर प्रवेश करेंगे। वर्तमान में सूर्य देव चंद्र प्रधान कर्क राशि और बुध प्रधान अश्लेषा नक्षत्र में गोचर कर रहे हैं। गुरुवार दिनांक 17.08.17 को रात 01 बजकर 01 मिनट पर सूर्यदेव स्वयं की राशि सिंह में और केतू के नक्षत मघा में प्रवेश करेंगे। क्योंकि संक्रांति काल रात्रि में 1 बजे है इसी कारण संक्रांति प्रातः काल सूर्योदय उपरांत मनाई जाएगी। सिंह संक्रांति पुण्यकाल गुरुवार दिनांक 17.08.17 को प्रातः 05:55 से दिन 12:24 तक रहेगा। सिंह संक्रांति महापुण्यकाल मुहूर्त रहेगा प्रातः 05:55 से प्रातः 08:05 तक।


घी संक्रांति में किसान बालियों को घर के मुख्य दरवाज़े पर लटकाते हैं। वर्षा ऋतु में पशुओं को खूब हरी घास मिलती है, जिससे दूध में बढ़ोतरी होने से दही-मक्खन-घी भी प्रचुर मात्रा में मिलता है। अतः इस दिन घी का प्रयोग आवश्यक रूप से किया जाता है, इसी कारण सिंह संक्रांति को घी संक्रांति कहा जाता है। आयुर्वेद में चरक संहिता के अंतर्गत यह वर्णित है कि गाय का शुद्ध (गौ घृत) अर्थात देसी घी स्मरण शक्ति, बुद्धि, ऊर्जा, बलवीर्य, ओज बढ़ाता है, गाय का घी वसावर्धक है तथा वात, पित्त, बुखार और विषैले पदार्थों का नाशक है। मान्यतानुसार इस दिन गाय का घी अर्थात गौ घृत खाना आवश्यक बताया गया है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति घी नहीं खाता उसे अगले जन्म में गनेल यानी घोंघे के रूप में जन्म लेना पड़ता है।


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!