Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 12:43 PM
एनसीईआरटी दुारा प्रकाशित पुस्तकों की चल रही जांच...
नई दिल्ली : एनसीईआरटी दुारा प्रकाशित पुस्तकों की चल रही जांच के दौरान 1300 से ज्यादा तथ्यात्मक त्रुटियां सामने आई हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि उन्हें एनसीईआरटी की पुस्तकों में 1,300 से ज्यादा तथ्यों की गलतियां पाई गई है और टेक्स्टबुक्स में करेक्शन के लिए मिले 2,500 सुझावों के लिए करीब 900 शिक्षकों को भेजा गया है।
इस साल के शुरू में एनसीईआरटी ने अपनी किताबों की समीक्षा करने का फैसला लिया क्योंकि उन किताबों को करीब एक दशक पहले लिखा गया था और उनको अपडेट करने की जरूरत है। नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ), 2005 के गठन के बाद 2007 में किताबों को छापा गया था। एनसीईआरटी ने तथ्यात्मक त्रुटियों का पता लगाने और उनको सही करने के लिए शिक्षकों से सुझाव मांगे थे।
जावडेकर ने कहा कि किताबों में संशोधन नहीं किया जा रहा है बल्कि तथ्यात्मक त्रुटियों की समीक्षा की जा रही है। किताबों का पुनरीक्षण और करिकुलम फ्रेमवर्क एक पॉलिसी से जुड़ा मामला है और किताबों की समीक्षा का मतलब खाइयों को पाटना है। तथ्यात्मक त्रुटियों के अलावा इन किताबों में बहुत सारी सूचनाओं को अपडेट करने की भी जरूरत है क्योंकि ये किताबें एक दशक पहले तैयार हुई थीं।
इससे पहले NCERT की 54वीं काउंसिल बैठक में दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने किताबों को लेकर एक समीक्षा रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में सिसोदिया ने किताबों के चैप्टर, प्रेजेंटेशन और भाषा पर आपत्ति जताई है। काउंसिल बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कई राज्यों के शिक्षा अधिकारी भी मौजूद थे, उस दौरान ज्यादातर राज्यों के अधिकारियों ने किताबों में बदलाव का सुझाव दिया था।