Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Aug, 2017 05:56 PM
भारतीय महिला फुटबॉल में दो दशक से भी अधिक समय तक अहम योगदान देने वाली आेइनाम बेमबेम देवी ने आज अपना अर्जुन
नई दिल्ली: भारतीय महिला फुटबॉल में दो दशक से भी अधिक समय तक अहम योगदान देने वाली आेइनाम बेमबेम देवी ने आज अपना अर्जुन पुरस्कार देश की महिलाओं को समर्पित किया जो रूढविाद को खत्म करने का प्रयास कर रही हैं। शिलांग में दक्षिण एशियाई खेलों के दौरान अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कहने वाली 37 सल की बेमबेम देवी ने 85 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 32 गोल दागे।
बेमबेम के हवाले से कहा कि मैं यह (अर्जुन पुरस्कार) देश की उन सभी महिलाओं को समर्पित करती हूं जो रोजाना सामाजिक अड़चनों से पार पाते हुए अपने क्षेत्रों में चमक बिखेरती हैं। यह पुरस्कार उन सभी का उतना ही है जितना मेरी मां, टीम के सभी साथियों और कोचों का है। उन्होंने कहा कि लगातार समर्थन के लिए एआईएफएफ का धन्यवाद देने की भी जरूरत है। बेमबेम ने 1995 में अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया और महिला फुटबॉल को लेकर भारत में जागरूकता फैलाने के लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ मिलकर काम किया।
यह पूछने पर कि इस अर्जुन पुरस्कार से देश में महिला फुटबॉल को बढ़ावा देने में कितनी मदद मिलेगी, मणिपुर की इस फुटबॉलर ने कहा कि जैसा कि मैंने कहा, भारत में सामाजिक अड़चनें हैं जिसके कारण कभी कभी लड़कियों को फुटबॉल खेलने से रोक दिया जाता है। बेमबेम ने एक बार संन्यास लेने के बाद वापसी की थी और फिर फरवरी 2015 में शिलांग में सैफ खेलों का स्वर्ण पदक जीतने के बाद संन्यास लिया। उन्होंने कहा कि मेरे शुरआती संन्यास के बाद, मैं गदगद हो गई जब एआईएफएफ ने मुझे फोन किया और संन्यास से वापसी करने को कहा। मुझे कहा गया कि आप बेहतर विदाई की हकदार हैं।