राजस्थान में तैयार होगी जैतून के पत्तों से बनी Green tea

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Aug, 2017 02:45 PM

green tea made from olive leaves will be prepared in rajasthan

राजस्थान देश भर के चाय प्रेमियों को शीघ्र ही ग्रीन टी का विकल्प उपलब्ध कराने वाला है।

कोटाः राजस्थान देश भर के चाय प्रेमियों को शीघ्र ही ग्रीन टी का विकल्प उपलब्ध कराने वाला है। इस वैकल्पिक चाय को जैतून के पत्तों से बनाया गया है। राज्य के कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी ने बताया कि ओलिटिया ब्रांड नाम से इस चाय को बहुत जल्दी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पेश करने वाली हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और जैसे ही मुख्यमंत्री के पास समय होगा, इसे पेश कर दिया जाएगा। यह देश और दुनिया में पहली बार होगा जब जैतून के पत्तों से तैयार ग्रीन टी का विकल्प पेश किया जाएगा।’’

5000 हेक्टेयर जमीन में होती है खेती
सैनी ने बताया कि राजस्थान में इजरायल की मदद से 2007 में जैतून की खेती शुरू की गई थी। अभी राज्य में पांच हजार हेक्टेयर जमीन में इसकी खेती होती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तब से काफी प्रगति की है। एक जैतून परिशोधन संयंत्र बीकानेर में शुरू हो चुका है और यह भी देश का पहला ऐसा संयंत्र है। हमने जैतून के शहद का भी उत्पादन शुरू किया है।’’ यह पूछे जाने पर कि जैतून की चाय के उत्पादन का विचार कैसे आया, उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद कृषि से पीएचडी हूं, मुझे मालूम है कि जैतून के पत्ते स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं। मैंने इस पर अध्ययन करने का निर्णय लिया और तब इस बारे में प्रयोगशाला परीक्षण किया गया।’’ उन्होंने प्रयोगशाला में हुए परीक्षणों के परिणाम के कई दस्तावेज भी दिखाया। जुलाई में हुए एक परीक्षण से पता चला कि जैतून के पत्तों में कई एंटी-ऑक्सीडेंट एवं अन्य अवयव मौजूद हैं। उन अवयवों में से एक लुटेओलिन है। रिपोर्ट के अनुसार, लुटेओलिन सूजनकारी विषाणुओं को खत्म करता है। लुटेओलिन ऑक्सीजन अपमार्जक भी है।’’
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ये हैं फायदे
मंत्री ने कहा कि प्रयोशाला के परिणाम ने इन एंटी-ऑक्सीडेंट की उपस्थिति प्रमाणित की है। ये रक्त कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और गर्भाशय कैंसर आदि से बचाव में मददगार है। अध्ययन और प्रयोशाला परीक्षण में जैतून के पत्तों के इन गुणों का पता चलने पर उन्हें प्रसंस्कृत करने का निर्णय लिया गया। यह मानसिक तनाव एवं दिल के मरीजों के लिए भी लाभदायक है। चाय के पैकेटों पर बताया गया है कि इसमें कैफीन नहीं है और यह रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाता है। यह थकान भी कम करता है तथा बुढ़ापे से भी बचाता है। उहोंने बताया कि यह चाय एक्जोटिक, नींबू और मिंट जैसे फ्लेवर्स में उपलब्ध रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे और विस्तृत करने की सोच रहे हैं और अदरख तथा तुलसी जैसे फ्लेवर्स में भी इसे पेश करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हमें ब्रिटेन, अमरीका और खाड़ी देशों समेत कई देशों से प्रस्ताव मिले हैं। वे इस संबंध में करार करना चाहते हैं।’’     

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