Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Sep, 2017 04:46 PM
जातीय हिंसा के कारण लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश पहुंच गए हैं...
वाशिंगटनः जातीय हिंसा के कारण लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश पहुंच गए हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की चुप्पी पर सवाल उठाते उनको सीधे सवालों के कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि देश में फैली हिंसा को रोकने के लिए सू की के पास अब आखिरी मौका है।
गुतेरस ने कहा, अगर उन्होंने अब स्थिति नहीं संभाली तो यह भविष्य में निश्चित रूप से और भयावह हो जाएगी। उन्होंने जोर देते हुए यह भी कहा कि रोहिंग्या मुस्लिमों को घर वापसी की जरूर इजाजत देनी चाहिए। उधर, रोहिंग्या मुद्दे पर चुप्पी को लेकर आंग सान सू की आलोचनाओं का सामना कर रही हैं। वह आज से न्यूयॉर्क में शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भी शामिल नहीं होंगी। उनका दावा है कि किसी बड़ी गलतफहमी की वजह से यह पूरा संकट खड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि बीते 25 अगस्त को म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या विद्रोहियों ने पुलिस चौकियों पर हमला बोल दिया था और 12 सुरक्षा कर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद से ही धीरे-धारे पूरा म्यांमार जातीय हिंसा की गिरफ्त में आ गया और रोहिंग्या मुस्लिम अपनी जान बचाकर बांग्लादेश पलायन करने लगे। कहा जा रहा है कि अब तक करीब चार लाख रोहिंग्या बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में पहुंच चुके हैं।