पाकिस्तानी सेना की राजनीति में घुसपैठ की फुलप्रूफ तैयारी, उप चुनाव से हुआ आगाज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 07:09 PM

pakistan army is trying to promote terrorists in politics

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल अमजाद का कहना है कि सईद की इस्लामिक चैरिटी का राजनीति में आना पाकिस्तानी सेना की उस नीति का हिस्सा है, जिसे खुद नवाज शरीफ ने पिछले साल नामंजूर किया था

इस्लामाबादः पाकिस्तान में सेना आतंकी समूह से संबंधित पार्टियों को देश की राजनीति में बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। दरअसल पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सीट पर हुए उप चुनाव में आतंकियों के समर्थित उम्मीदवार के चुनाव में उतरना इसकी बानगी है। वहीं, जानकारों के मुताबिक, एक पूर्व सैन्य अधिकारी इसका पूरा खाका तैयार किया था।

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल अमजाद का कहना है कि सईद की इस्लामिक चैरिटी का राजनीति में आना पाकिस्तानी सेना की उस नीति का हिस्सा है, जिसे खुद नवाज शरीफ ने पिछले साल नामंजूर किया था। 

बता दें कि हाल ही में नवाज शरीफ को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पद से बर्खास्त कर दिया गया था और अब उस पद पर रविवार (17 सितंबर) को उप चुनाव था। इस उप चुनाव में 2008 मुंबई धमाकों के आरोपी हाफिज सईद के द्वारा लॉन्च की गई पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग(एमएमएल) ने भी अपना समर्थित उम्मीदवार उतारा था। हालांकि उसे जीत तो नसीब नहीं हुई लेकिन आतंकी हाफिज का ये उम्मीदवार तीसरे नंबर पर जरूर रहा था।

बता दें कि सईद की धार्मिक चैरिटी ने एमएमएल का निर्माण शरीफ के बर्खास्त होने के दो हफ्ते बाद ही कर दिया था। लाहौर से उम्मीदवार याकूब शेख को पहले मिल्ली मुस्लिम लीग ने याकूब शेख को अपना उम्मीदवार घोषित किया था।

हालांकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा था कि मिल्ली मुस्लिम के कानूनी रूप से पंजीकृत न होने की वजह से वह इस उपचुनाव में नहीं उतर सकती, जिसके बाद याकूब को निर्दलीय  चुनाव मैदान में उतरा था। 


 

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