जम्मू कश्मीर में रोहिंग्याओं पर राजनीति तेज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Sep, 2017 08:12 PM

politics on rohingyas issue

पूरे देश के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी रोहिंग्याओं पर राजनीति तेज हो गई है। जम्मू कश्मीर इस मामले पर दो हिस्सों में बट गया है।

जम्मू: पूरे देश के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी रोहिंग्याओं पर राजनीति तेज हो गई है। जम्मू कश्मीर इस मामले पर दो हिस्सों में बट गया है। जहां एक तरफ जम्मू के नेता रोहिंग्याओं को राज्य से बाहर निकालने की बात कर रहे हैं वहीं कश्मीर के नेता इस बात पर अड़े है कि रोहिंग्याओं से देश को और जम्मू कश्मीर को कोई खतरा नहीं है। आंकड़े कहते हैं  जम्मू और सांबा में 5700 से अधिक रोहंग्या है जबकि इनकी संख्या दस हजार से अधिक है।


सूचना अधिकार कानून के जरिये इस बात का पता चला है कि जम्मू में रह रहे बंगलादेशियों और रोहिंग्याओं को बिजली के कनेक्शन भी दिए गए हैं। यह कनेक्शन 2008 से फरवरी 2017 के बीच दिए गए हैं। सिर्फ यही नहीं बल्कि नौ वर्षो  के दोरान इन कनेक्शनों से 1.42 करोड़ का राजस्व भी प्राप्त किया गया है। राज्य सरकार ने रोहिंग्याओं को जम्मू कश्मीर से बाहर निकालने के लिए आज से करीब चार महीने पहले चार मंत्रियों का समूह भी गठित किया गया था। इस ग्रुप का नेतृत्व स्वयं उप मुख्यमंत्री कर रहे हैं। जम्मू में रोहिंग्याओं को निकालने की बात हो रही है और प्रदर्शन किए जा रहे हैं जबकि कश्मीर में उनके समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं।

 

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