युव रेल अधिकारियों को मिलेगी स्टेशनों की कमान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 09:50 PM

army officers meet railway stations

भारतीय रेलवे देश के ‘ए-1’ श्रेणी के 75 स्टेशनों की युवा एवं प्रतिभाशाली अधिकारियों को सौंपेगी। जो यात्री एवं अन्य सुविधाओं और उनसे जुड़ी सेवाओं के मामले में बेहतर प्रदर्शन करके रेलवे की छवि को सुधारने में योगदान देंगे

नई दिल्लीः आने वाले दिनों में देश के बड़े-बड़े स्टेशनों पर अगर आपको स्टेशन मास्टर के रूप युवा अधिकारी दिखाई दे तो चौंकिएगा मत, क्योंकि केंद्रीय कैबिनेट के फेरबदल में रेल मंत्रालय का प्रभार पाए पीयूष गोयल रेलवे की कार्यप्रणामी को और बेहतर करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके तहत भारतीय रेलवे देश के ‘ए-1’ श्रेणी के 75 स्टेशनों की युवा एवं प्रतिभाशाली अधिकारियों को सौंपेगी। जो यात्री एवं अन्य सुविधाओं और उनसे जुड़ी सेवाओं के मामले में बेहतर प्रदर्शन करके रेलवे की छवि को सुधारने में योगदान देंगे।

रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देश पर इन 75 स्टेशनों पर स्टेशन निदेशक के पद पर युवा एवं प्रतिभाशाली अधिकारियों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है। इन अधिकारियों का चयन रेलवे की विभिन्न परिचालन सेवाओं में तैनात अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर किया जाएगा। रेलवे के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्टेशन निदेशक सुनिश्चित करेंगे कि उनके स्टेशन की पहचान एक्सीलेंस सेंटर के तौर पर स्थापित हो और वे इसके लिए सुविधाओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर अतिरिक्त सतर्कता एवं संवेदनशीलता बरतेंगे। 

इन पर कामों की होगी जिम्मेदारी
स्टेशन निदेशक त्वरित, शिष्ट एवं तकलीफ रहित सेवाएं, ट्रेनों एवं स्टेशन परिसर में समुचित स्वच्छता, बुकिंग एवं आरक्षण सेवाओं में दक्षता, स्टेशनों पर ट्रेनों की समयबद्धता, ट्रेनों के रैक समय पर प्लेटफॉर्म पर लगाया जाना एवं हटाया जाना, यात्री सुविधाओं के खराब होने पर उनकी तुरंत मरम्मत एवं उनका ठीक से काम करना, यात्री सूचना प्रणाली एवं डिस्प्ले बोर्ड का ढंग से काम करना, पार्सल कार्यालय में पारदर्शी एवं ग्राहक अनुकूल कामकाज होना, कैटरिंग एवं वेंडरों के स्टॉलों की निगरानी, यात्रियों की सुरक्षा और शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। 

रेलवे की आय बढ़ाने के करेंगे उपाय
स्टेशन निदेशकों को इन सेवाओं को सुचारू रूप से चलाने में एक क्रास फंक्शनल टीम सहयोग देगी। स्टेशन निदेशक गैरभाड़ा उपायों जैसे विज्ञापन आदि से राजस्व बढ़ाने की प्रक्रिया में भी भूमिका निभाएंगे। स्टेशन निदेशकों को इस बारे में संबंधित विभागों से पूरा सहयोग मिलेगा। ए-1 श्रेणी के स्टेशनों में नई दिल्ली, देहरादून, हावड़ा, भुवनेश्वर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, जयपुर, आगरा छावनी, इलाहाबाद, भोपाल, मुंबई सेंट्रल,  विशाखापट्नम, मुगलसराय, वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ जंक्शन, कानपुर, जबलपुर, झांसी, ग्वालियर, कोटा, वडोदरा, सूरत, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम, एर्नाकुलम, मदुरै, चेन्नई सेंट्रल, विजयवाड़ा, हैदराबाद, सिकंदराबाद, जलपाईगुड़ी, गुवाहाटी, बेंगलुरु सिटी, नागपुर, पुणे, पटना, बरौनी आदि प्रमुख हैं।  

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