गिरते शेयर बाजार में न करें ये गलतियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 01:32 PM

avoid errors in falling stock markets

नए शिखर पर पहुंचने के बाद पिछले हफ्ते शेयर बाजार में तेज गिरावट आई। इससे निवेशक घबरा गए।

नई दिल्ली: नए शिखर पर पहुंचने के बाद पिछले हफ्ते शेयर बाजार में तेज गिरावट आई। इससे निवेशक घबरा गए। मार्कीट विश्लेषकों का कहना है कि बाजार आने वाले समय में फिसल सकता है। ऐसा देखा गया है कि जब मार्कीट में सुधार शुरू होता है तभी निवेशक सबसे बड़ी गलतियां करते हैं। इन गलतियों की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ती है। ऐसी आम गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे निवेशकों को अभी बचना चाहिए।

विशेष कीमत के चक्कर में फंसना 
निवेशक एक कीमत तय करते हैं और उस लैवल तक वे शेयर को होल्ड किए रहते हैं। आमतौर पर यह प्राइस शेयर की खरीद कीमत होती है। कुछ मामलों में यह स्टॉक का ऑल टाइम हाई प्राइस भी हो सकता है। निवेशक इस लैवल को ध्यान में रखकर किसी शेयर में बने रहने या निकलने का फैसला करते हैं। हालांकि, गिरते हुए बाजार में खास प्राइस का मोह भारी पड़ सकता है। इस वजह से निवेशक उससे अधिक समय तक शेयर को होल्ड करते हैं जितने समय तक उन्हें करना चाहिए था। शेयर प्राइस में कई वजह से गिरावट आ सकती है लेकिन निवेशक खास प्राइस के मोह में शेयर को होल्ड किए रहते हैं।

लीवरेज पर दाव लगाना 
गिरते बाजार में कई ब्रोकर्ज हाऊस निवेशकों को लीवरेज पर दाव लगाने को कहते हैं। हालांकि, इस प्रकार के दाव में नुक्सान का खतरा अधिक होता है। ऐसे में अस्थिर बाजार में इस तरह के निवेश से जितना संभव हो बचा जाना चाहिए। पैसा उधार लेकर निवेश करना कोई खास समझदारी नहीं। इस तरह का दाव तभी कारगर है यदि आपका निवेश उधार ली गई रकम पर दिए जा रहे ब्याज से अधिक रिटर्न दे, जो गिरावट के बाजार में काफी मुश्किल है। इसके साथ ही आपको निवेश की समयावधि पर भी ध्यान देना होगा।

अपने वित्तीय प्लान में बदलाव 
मार्कीट में एक बड़ी गिरावट निवेशकों के बीच अफरा-तफरी मचाने के लिए काफी होती है। कई निवेशक ऐसे बाजार में और पैसा लगाने के लिए लोभित होते हैं, तो वहीं कुछ निवेशकों का मानना है कि ऐसी स्थिति में बाजार से पैसा निकाल लेना ही समझदारी है। बाजार में सुधार के दौरान निवेशक अपनी योजनाओं को दरकिनार कर अक्सर देखादेखी वाला निवेश करते हैं।

52 हफ्ते के लो लैवल पर स्टॉक खरीदना
अगर किसी शेयर की कीमत 52 हफ्ते के लो लैवल पर पहुंच जाती है तो गिरते हुए बाजार में कुछ निवेशक वैल्यू इन्वैस्टमैंट करने लगते हैं। वे ऐसे शेयरों की तलाश करने लगते हैं जिनकी कीमत 52 हफ्ते के  लो पर पहुंच गई है। उन्हें लगता है कि ऐसे शेयरों में पहले ही गिरावट आ चुकी है इसलिए उनमें निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है। हालांकि, इनमें से कुछ स्टॉक्स ‘वैल्यू ट्रैप’ साबित हो सकते हैं।

औसत कीमत घटाने के लिए और शेयर खरीदना 
अगर आपने कोई शेयर खरीदा है और उसकी कीमत कम हो जाती है तो एवरेज बाइंग प्राइस कम करने के लिए और शेयर मत खरीदिए। निवेशक कम कीमत पर शेयर खरीदकर अपना लॉस घटाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, गिरते हुए बाजार में यह रणनीति अच्छी नहीं है। अगर आपने कोई गलत शेयर खरीद रखा है तो उसमें काफी गिरावट आ सकती है। अगर आप बीच में वह शेयर और खरीदते हैं तो उसके और नीचे जाने पर आपका नुक्सान बढ़ेगा। 
 

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