जनधन खातों में शहरी इलाकों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा हुई बचत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 05:01 PM

savings in rural areas more than urban areas

सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोलने वाले लोग अब ज्यादा बचत कर रहे हैं

नई दिल्लीः महंगाई के मुद्दे पर चौतरफा घिरी सरकार के लिए राहत की खबर है। ग्रामीण इलाकों में ना सिर्फ महंगाई कम हुई है, बल्कि लोगों ने पैसे भी बचाए हैं। इसकी वजह बनी प्रधानमंत्री जन धन योजना। 

हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक सर्वे के आधार पर ऐसा दावा किया है। एसबीआई की ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्या कांति घोष ने यह रिपोर्ट तैयार की है। सर्वे के मुताबिक प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत बैंक खाते खोलने वाले लोग अब ज्यादा बचत कर रहे हैं। लोगों ने शराब और तंबाकू जैसी चीजों की खरीद पर भी कमी की है।

घोष के अनुसार 'इसे लोगों को पैसा खर्च करने के व्यवहार में बदलाव के तौर पर देखा जा सकता है। लोग नोटबंदी के बाद बचत की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं।' रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे इलाकों में लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी खर्च बढ़ाया है।

जिस समय प्रधानमंत्री जनधन योजना लॉन्च की गई थी, उस समय आशंका जताई गई थी कि पैसे का ज्यादा मात्रा में सर्कुलेशन होने से मुद्रास्फीति प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट में खुदरा मुद्रास्फीति के डेटा का हवाला देते हुए बताया गया है कि जिन राज्यों में ग्रामीण इलाकों में 50 प्रतिशत से ज्यादा जनधन खाते हैं, उन राज्यों में मुद्रास्फीति पर सकारात्मक असर पड़ा है।

 नोटबंदी के बाद से जनधन खातों में तेजी से इजाफा हुआ है। अब तक ऐसे 30.38 करोड़ बैंक खाते खोले जा चुके हैं। जो कुल जनधन खातों के 75 प्रतिशत हैं। इसमें सर्वाधिक खातों की संख्या उत्तर प्रदेश में है जो 4.7 करोड़ के स्तर पर है। इसके बाद बिहार में 3.2 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 2.9 करोड़ जनधन खाते खुले।

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