इनोवेशन का महत्व समझने के लिए सरकार के पास ‘बौद्धिक क्षमता’ की कमीः पित्रौदा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 01:11 PM

govt lacking brain power to understand importance of innovation

दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज एवं उद्यमी सैम पित्रौदा ने कहा है कि सरकार के पास अधिक रोजगार के अवसरों के सृजन की खातिर इनोवेशन को समझने के लिए ‘बौद्धिक क्षमता’ (ब्रेन पावर) का अभाव है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय इनोवेशन परिषद (एन.आई.सी.) को बंद किए जाने...

नई दिल्लीः दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज एवं उद्यमी सैम पित्रौदा ने कहा है कि सरकार के पास अधिक रोजगार के अवसरों के सृजन की खातिर इनोवेशन को समझने के लिए ‘बौद्धिक क्षमता’ (ब्रेन पावर) का अभाव है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय इनोवेशन परिषद (एन.आई.सी.) को बंद किए जाने पर निराशा भी जताई। गुजरात वाणिज्य एवं उद्योग मंडल में इनोवेशन पर अपने संबोधन में पित्रौदा ने यह भी कहा कि लोगों को राम मंदिर या इतिहास जैसे मुद्दों से आगे बढऩा चाहिए।

रोजगार के लिए इनोवेशन की जरूरत
उन्होंने कहा, ‘‘इनोवेशन एक मंच है। आपको सरकार, न्यायपालिका, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और प्रक्रियाओं में इनोवेशन की जरूरत होती है। लेकिन जब मैं भारत में बहस देखता हूं तो यह हमेशा राम मंदिर या इतिहास के बारे में होती है। हर कोई अतीत की बात करता है। हमें बस अतीत से चिपके रहना पसंद है। जबकि हमें आगे बढऩे की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय इनोवेशन परिषद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा उठाया गया एक बहुत बड़ा कदम था। लेकिन इस सरकार ने इसे बंद कर दिया। मैंने सरकार से ऐसा नहीं करने की अपील की लेकिन आखिरकार इसे बंद कर दिया। मुझे निराशा हुई क्योंकि हमें अधिक रोजगार के लिए इनोवेशन की जरूरत है।’’

रैलियों से आगे नहीं बढ़ सकता देश
पित्रौदा कभी इनोवेशन परिषद के प्रमुख थे। किसी का नाम लिए बिना पित्रौदा ने कहा कि देश सिर्फ रैलियां या दूसरों पर दोषारोपण कर आगे नहीं बढ़ सकता। उन्होंने कहा कि मूल समस्या यह है कि हम अधिक तेजी से खोज नहीं कर पा रहे हैं। ‘‘सरकार के पास इसके लिए कोई विचार नहीं है। उनके पास स्थिति को समझने की बौद्धिक क्षमता नहीं है। हमें पहले की तुलना में अधिक तेजी से इनोवेशन की जरूरत है।’’ 

Related Story

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!