लेक क्लब का लिट्रेचर फैस्टीवल सवालों के घेरे में, यह है वजह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Nov, 2017 07:50 AM

literature festival

चंडीगढ़ लेक क्लब में दो बड़े लिटरेचर फैस्टीवल की घोषणा के बाद कई सवाल उठने लगे हैं।

चंडीगढ़(अश्वनी) : चंडीगढ़ लेक क्लब में दो बड़े लिटरेचर फैस्टीवल की घोषणा के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने नोटिफिकेशन जारी कर सुखना झील सहित लेक क्लब व आसपास के इलाके में 100 मीटर दायरे को साइलैंस जोन घोषित किया हुआ है। इसमें लाऊड स्पीकर या किसी भी तरह की ध्वनि पैदा करने वाले उपकरण का इस्तेमाल पूरी तरह वर्जित है। ऐसे में लिटरेचर फैस्टीवल के दौरान लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल कैसे संभव हो पाएगा या यह फैस्टीवल बिना लाऊड स्पीकर के ही आयोजित होंगे। 

 

पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने 10 नवम्बर को एक कार्यक्रम के दौरान लेक क्लब में 7 से 9 दिसम्बर 2017 तक पहले आर्मी लिटरेचर फैस्टीवल के आयोजन की घोषणा की है। इससे पहले चंडीगढ़ लिटरेरी सोसायटी 25 से 26 नवंबर 2017 तक लेक क्लब में इंटरनैशनल लिटफेस्ट-2017 करवाने जा रही है। इनमें देशभर के कई नामी साहित्यकार भाग लेंगे। लेक क्लब 100 मीटर के साइलैंस जोन में आता है। फिलहाल फैस्टीवल के लिए जो जगह निर्धारित की गई हैं, वह इसी दायरे में आती हैं। 

 

पर्यावरण विभाग जता चुका है आपत्ति :
साइलैंस जोन में लाऊड स्पीकर के इस्तेमाल को लेकर चंडीगढ़ का पर्यावरण विभाग कड़ी आपत्ति जता चुका है। पर्यावरण विभाग ने बाकायदा पत्र लिखकर  स्पोर्ट्स डिपार्टमैंट सहित चंडीगढ़ टूरिज्म व चंडीगढ़ इंडस्ट्रीयल एंड टूरिज्म प्रोमोशन कार्पोरेशन (सिटको) को साइलैंस जोन की शांति भंग न करने का आग्रह किया था। पत्र में कहा गया था कि सुखना झील के आसपास 100 मीटर का दायरा साइलैंस जोन घोषित है, जिसके लिए दिन में 50 डी.बी.(ए) व रात में 40 डी.बी.(ए) ध्वनि के मानक तय हैं इसलिए इस दायरे में तय ध्वनि मानक सख्ती से लागू किए जाएं। 

 

प्रशासक के सलाहकार को शिकायत :
इस मामले में कई बार प्रशासक के सलाहकार को शिकायतें भी हुई हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर प्रशासक के सलाहकार ने पर्यावरण विभाग को इस मामले में ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए थे। निर्देश में कहा गया था कि पिछले कुछ समय के दौरान सुखना लेक क्लब में कई बार लाऊड स्पीकर के इस्तेमाल की शिकायतें आई हैं, जो काफी गंभीर मामला है। इसलिए पर्यावरण विभाग यह सुनिश्चित करे कि साइलैंस जोन में किसी भी तरह के ध्वनि पैदा करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल न हो। 

 

ईको सैंसटिव जोन में भी है लेक क्लब :
सुखना झील सहित लेक क्लब के हिस्से को चंडीगढ़ प्रशासन ने ईको सैंसटिव जोन में शामिल किया हुआ है। इस जोन में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण की पूरी जि मेदारी चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की है। ईको सैंसटिव जोन की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ईको सैंसटिव जोन में एयर (प्रीवैंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1981 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए ध्वनि प्रदूषण के लिए तय मानक को लागू करे। 

 

20 जनवरी 2005 को घोषित किया गया साइलैंस जोन :
सुखना झील के आसपास 100 मीटर दायरे को 2005 में साइलैंस जोन घोषित किया गया था। प्रशासन ने 20 जनवरी 2005 को गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए पूरी सुखना झील के 100 मीटर दायरे सहित लेक क्लब, रॉक गार्डन, पूरे उत्तर मार्ग सहित सैक्टर-1 (कैपीटॉल कॉ पलैक्स, राजिंद्रा पार्क, चंडीगढ़ क्लब), सैक्टर-12 और सैक्टर-14 को साइलैंस जोन की श्रेणी में डाल दिया था। इसी कड़ी में शहर के तमाम अस्पताल, शिक्षण संस्थान, कोर्ट व धार्मिक संस्थानों के आसपास 100 मीटर दायरे को भी साइलैंस जोन की श्रेणी में रखा गया है। 

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