सपनों से जानें भविष्य में क्या होगा आपके साथ, ये हैं धन और सुख मिलने के संकेत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 08:40 AM

dreams these are signs of wealth and happiness

नींद और सपनों का आपस में गहरा नाता है। आंख बंद होते ही व्यक्ति स्वप्न लोक में पहुंच जाता है। जहां उसे सपनों के रूप में भविष्य के संकेत मिलते हैं। इनके माध्यम से आप सचेत हो जाएं। कुछ दृश्यों के अतिरिक्त भी ऐसे बहुत से दृश्य स्वप्र में दिखाई देते हैं,...

नींद और सपनों का आपस में गहरा नाता है। आंख बंद होते ही व्यक्ति स्वप्न लोक में पहुंच जाता है। जहां उसे सपनों के रूप में भविष्य के संकेत मिलते हैं। इनके माध्यम से आप सचेत हो जाएं। कुछ दृश्यों के अतिरिक्त भी ऐसे बहुत से दृश्य स्वप्र में दिखाई देते हैं, जिनमें से कुछ को हमने अपनी आंखों से देखा होता है और कुछ हमारे लिए बिल्कुल नए और अनजाने होते हैं। इन सभी दृश्यों का कुछ न कुछ संकेत अवश्य होता है। आवश्यकता है, तो इन्हें समझने की और उचित निर्णय लेने की।


स्वप्न द्वारा भविष्य ज्ञान

दर्पण : यदि स्वप्र में दर्पण दिखाई दे तो शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का फल व्यक्त करता है, क्योंकि दर्पण विपत्ति की संभावना व्यक्त करता है तथा जातक को किसी मानसिक परेशानी में डाल सकता है।


दर्द : यदि स्वप्रदृष्टा को स्वप्र में अपने शरीर के किसी भाग में दर्द होता दिखाई दे, तो शीघ्र ही उसके शरीर के किसी भाग में चोट लगेगी या दर्द होगा। यदि जातक किसी रोग से पीड़ित है, तो उसे रोग से मुक्ति मिलेगी।


दरिद्र : यदि स्वप्र में कोई दरिद्र व्यक्ति, भिखारी दिखाई दे, तो यह आर्थिक दृष्टि से हानिकारक है। संभव है जातक को धन की हानि और अधिक व्यय का सामना करना पड़े।


दाह-संस्कार : यदि स्वप्र में दाह-संस्कार, जातक स्वयं अपने या किसी प्रियजन का होता हुआ देखें, तो यह शुभ लक्षण माना जा सकता है जिसका दाह-संस्कार करता हुआ दिखाई दे तो निश्चय ही वह व्यक्ति दीर्घायु होगा।


दुर्घटना : यदि स्वप्र में दुर्घटना होती दिखाई दे, तो इसे अशुभ लक्षण मानना चाहिए। इससे किसी प्रकार की कोई घटना घटित होने का आभास मिलता है अथवा किसी घातक चोट की आशंका बढ़ जाती है।


दुश्मन : स्वप्र में कोई दुश्मन दिखाई पड़े तो यह शुभ एवं अशुभ दोनों प्रकार की फल प्राप्ति का संकेत होगा। शत्रु अधिक हथियार के साथ एवं अच्छी स्थिति में हो तो हानिकारक होगा एवं दबा हुआ, दुर्बल स्थिति में होने पर लाभप्रद हो सकता है।


दूध : यदि स्वप्र में दूध से भरा हुआ बर्तन दिखाई दे तो यह शुभ होता है। इससे आर्थिक दृष्टि से सम्पन्नता का आभास मिलता है तथा घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।


धन : स्वप्र में गढ़ा हुआ धन या लाटरी से धन की प्राप्ति हो तो यह बहुत ही शुभ लक्षण होगा। इसे आकस्मिक रूप से पर्याप्त मात्रा में धन की प्राप्ति का संकेत समझना चाहिए।


नंदीश्वर : यदि स्वप्र में शिव का द्वारपाल (नंदी) दिखाई दे, तो यह शुभ लक्षण माना जाता है। कुछ व्यक्ति इसका अर्थ यह निकालते हैं कि यदि किसी अधिकारी से काम निकालना हो तो चपरासी को प्रसन्न करने का संकेत मिलता है।


नवयौवना : स्वप्र में कोई परिचित या अपरिचित नवयौवना दिखाई दे तो यह प्रेम संबंधों के दृढ़ होने की सूचक होगी किंतु वह नवयौवना आकर्षक और सुंदर होनी चाहिए। यदि कुरूप है तो प्रेम के मामलों में व्यवधान उपस्थित होने का संकेत मानना  चाहिए।


नेवला : यदि स्वप्र में नेवला दिखाई दे तो यह भय से मुक्ति का प्रतीक समझा जाता है। इसके दर्शन से जातक को शत्रुभय, सर्प और अन्य जीव आदि का भय नहीं रहेगा।


पंख : स्वप्र में पंख का दिखाई देना जातक के कल्पनाशील होने का संकेत है। अभिप्राय: यह है कि जातक अपनी कल्पना के बल पर इच्छित कार्यों में सफलता अर्जित करेगा।


अस्थिपिंजर : स्वप्र में पिंजर (हड्डियों का ढांचा) दिखाई दे तो शुभ माना जाता है। विद्वानों के मत में यह लक्षण स्वप्रदष्टा के भाग्योदय का प्रतीक है। इसकी सभी क्षेत्रों में उन्नति होगी।


पवन पुत्र : स्वप्र में पवन-पुत्र का दिखाई देना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह कल्याणकारी, उत्थानप्रद एवं सभी प्रकार का सुख देने वाला होता है।


पूजन : स्वप्र में देव-पूजन का दृश्य दिखाई पडऩा अत्यंत शुभ लक्षण है। इसे आत्मोन्नति का पूर्ण साधन, श्रद्धाभाव जागृत करने वाला एवं कल्याणकारी लक्षण समझना चाहिए।


प्रकाश : यदि स्वप्र में किसी भी प्रकार का प्रकाश दिखाई दे तो शुभ समझा जाता है। अनेक बुजुर्ग तथा अनुभवी विद्वानों ने इसे ज्ञान का प्रतीक मानते हुए ऐसा निश्चित किया है कि स्वप्र देखने वाले को इससे शुभ ज्ञान एवं तत्व प्राप्त होगा। इससे स्वप्रदृष्टा धार्मिक विचारधारा का पक्षपाती हो जाएगा।


प्रणय : स्वप्र में प्रणय बंधन का दिखाई देना शुभ माना जाता है। यह स्वप्रदृष्टता को अभीष्ट पत्नी की प्राप्ति कराने का लक्षण है। यह दाम्पत्य जीवन के सुखमय होने का भी प्रतीक है।


प्रेमालाप : स्वप्र में प्रेमालाप का दृश्य दिखाई दे तो यह शुभ लक्षण माना जाता है। यह दाम्पत्य जीवन को प्रेममय और सुदृढ़ बनाने का प्रतीक है। यदि अविवाहित ऐसा स्वप्र देखें तो अभीष्ट साथी की प्राप्ति होगी और प्रेमबंधन दृढ़ रहेगा।


फकीर : स्वप्र में फकीर का दिखाई देना सामान्य फल प्रदर्शित करता है। फकीर बूढ़ा हो तो अत्यधिक शुभ माना जाता है।


बहू : स्वप्र में यदि बहू दिखाई दे तो इसे शुभ लक्षण समझा जाएगा। इसे घर में सुख-सौभाग्य, शोभा, सेवा और प्रेम का सूचक भी माना गया है।


बाढ़ : स्वप्र में बाढ़ दिखाई दे तो अशुभ समझा जाता है। जातक का संचय नष्ट हो जाता है। घर में चोरी या अग्रि द्वारा हानि आदि कर्म हो सकते हैं।


भवन : यदि स्वप्र में कोई भवन दिखाई दे, तो यह वैभव का प्रतीक होगा। 


माणिक्य : स्वप्र में यदि माणिक्य दिखाई दे जाए तो शुभ समझना चाहिए। इसे रत्न की प्राप्ति का प्रतीक माना जा सकता है।


मृत्यु : स्वप्र में जातक स्वयं अपनी मृत्यु देखे तो यह अच्छा लक्षण होगा। इसे रोगादि की निवृत्ति में अत्यंत प्रभावकारी चिन्ह समझा जाता है। इसे भाग्योदय का प्रतीक भी माना जाता है।

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