छंटनी संबंधित नियमों का मामला, श्रम सुधार से पीछे हटेगी सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 02:07 PM

government will withdraw from labor reforms

सरकार छंटनी से संबधित नियमों में ढील देने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। इस प्रस्ताव में ज्यादा कर्मचारियों वाले कारखानों को सरकार से मंजूरी लिए बिना कामगारों को रखने और निकालने की अनुमति देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से...

नई दिल्लीः सरकार छंटनी से संबधित नियमों में ढील देने के प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। इस प्रस्ताव में ज्यादा कर्मचारियों वाले कारखानों को सरकार से मंजूरी लिए बिना कामगारों को रखने और निकालने की अनुमति देने का प्रावधान है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) सहित कई मजदूर संगठनों के विरोध और नोटबंदी तथा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर विपक्षी दलों की व्यापक आलोचना के मद्देनजर विवादित श्रम सुधार प्रस्तावों की गति धीमी की जा सकती है।

सरकार नहीं लेना चाहती राजनीतिक जोखिम
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हम विवादित श्रम सुधार प्रस्तावों पर यथास्थिति बनाए रख सकते हैं क्योंकि मजदूर संगठन छंटनी के नियमों में किसी तरह के बदलाव के खिलाफ हैं। नोटबंदी और जीएसटी पर विपक्ष के हमलों का सामना कर रही सरकार की भी शायद राजनीति जोखिम उठाना नहीं चाहती है।' केंद्र सरकार ने कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशंस बिल में प्रस्ताव किया था कि 300 कामगारों तक क्षमता वाले कारखानों को सरकार की मंजूरी के बिना छंटनी करने, कामगारों को नौकरी से निकालने या कारखाना बंद करने की अनुमति होगी। मौजूदा नियमों के मुताबिक 100 कामगारों तक की क्षमता वाले कारखाने ऐसा कर सकते हैं।

श्रम सुधार के लिए केंद्र सरकार लाई थी विधेयक 
विधेयक में छंटनी वाले कामगारों को नौकरी छोड़ने के बदले मिलने वाले वेतन (सेवरेंस पे) को तीन गुना बढ़ाने का भी प्रस्ताव था। मौजूदा नियमों के मुताबिक कामगार को सालाना 15 दिन का वेतन मिलता है जिसे 45 दिन करने का प्रस्ताव किया गया था। प्रस्तावित विधेयक से मजदूर संगठन कानून, 1926, औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) कानून, 1946 और औद्योगिक विवाद कानून 1947 को मिलाकर एक ही कानून बनाया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि सरकार अब इस बात पर विचार कर रही है कि मुआवजा पैकेज को बढ़ाकर सालाना 30 दिन के बराबर किया जाए या फिर सेवरेंस पे को उसी स्तर पर बरकरार रखा जाए। अधिकारी ने कहा, 'अगर छंटनी के नियमों में कोई बदलाव नहीं होता है तो सेवरेंस पे में भी बदलाव नहीं होगा। अगर ऐसा हुआ तो यह उद्योग विरोधी कदम होगा।'

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!