Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Dec, 2017 01:01 AM
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा कि अब हमें राजकोषीय घाटे की रट से आगे निकल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पाने के लिए बार-बार बात करने की बजाय किसी सरकार के कामकाज की समीक्षा उसकी आर्थिक नीतियों के नतीजों से...
मुम्बई: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा कि अब हमें राजकोषीय घाटे की रट से आगे निकल जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे का लक्ष्य पाने के लिए बार-बार बात करने की बजाय किसी सरकार के कामकाज की समीक्षा उसकी आर्थिक नीतियों के नतीजों से होनी चाहिए।
रिजर्व बैंक प्रवर्तित आई.जी.आई.डी.आर. की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जालान ने कहा, ‘‘आप खुद से पूछें कि यह सकल घरेलू उत्पाद का 3.2 प्रतिशत है या 3.4 प्रतिशत, इससे क्या देश के लोगों को कोई फर्क पड़ता है।’’ सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जी.डी.पी. का 3.2 प्रतिशत रखा है। राजस्व संग्रहण अच्छा नहीं रहने की वजह से इस साल इसके हासिल होने को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।