Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 09:16 AM
अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा मंगल ग्रह से आए उल्कापिंड के एक बड़े भाग को मिशन-2020 के तहत वापस भेजने की तैयारी में है। ‘एस.ए.यू.008’ नाम का यह उल्कापिंड मंगल ग्रह पर करोड़ों सालों तक रहा था। 1999 में यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया।
वाशिंगटन: अमरीकी अंतरिक्ष एजैंसी नासा मंगल ग्रह से आए उल्कापिंड के एक बड़े भाग को मिशन-2020 के तहत वापस भेजने की तैयारी में है। ‘एस.ए.यू.008’ नाम का यह उल्कापिंड मंगल ग्रह पर करोड़ों सालों तक रहा था। 1999 में यह उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया।
टक्कर में इसका सबसे अधिक भाग ओमान देश में गिरा। नासा के मार्स 2020 रोवर को मंगल ग्रह के सतह की जानकारियां जुटाने के लिए भेजा जा रहा है। इसके साथ ही यान में लगे स्कैनिंग हैबिटेबल एन्वायरनमैंट विद रमन एंड लुमिनेसेंस फॉर ऑर्गैनिक एंड कैमिकल्स (शरलॉक) लेजर की क्षमता की जांच के लिए उल्कापिंड भी मंगल ग्रह पर जाएगा।
इस लेजर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह उल्कापिंड को मनुष्य के बाल के आकार में तोड़ सके। इससे उल्कापिंड की गूढ़ विशेषताओं का आसानी से अध्ययन किया जा सकेगा।
शरलॉक के मुख्य जांचकर्ता लुथर बेकले ने कहा, "अब इतना सूक्ष्म अध्ययन किया जा रहा है कि तापमान या रोवर में आई थोड़ी-सी भी दिक्कत से हमें अपने लक्ष्य को दोबारा सही करना पड़ेगा।"