Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 10:07 AM
पाकिस्तान के आंतकियों के प्रति लगाव, नरमदिली व वित्तीय पोषण को लेकर वैश्विक मंच में चिंता, रोष व नाराजगी है जिसके चलते अमरीका और ब्रिटेन पाक के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं।
वाशिंगटनः पाकिस्तान के आंतकियों के प्रति लगाव, नरमदिली व वित्तीय पोषण को लेकर वैश्विक मंच में चिंता, रोष व नाराजगी है जिसके चलते अमरीका और ब्रिटेन पाक के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की तैयारी में हैं। इसे लेकर टास्क फोर्स की बैठक पेरिस में 18 से 23 फरवरी के बीच होनी है। आतंकियों की आर्थिक मदद पर नजर और मदद करने वाले देश पर कार्रवाई की संस्तुति करने वाली यह सर्वोच्च संस्था है।
अमरीकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नौअर्ट का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी पाकिस्तान सरकार को इस बाबत कई बार आगाह कर चुकी है लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है। पाकिस्तान में आतंकियों की मदद करने वाले तंत्र के कामकाज पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। अमरीका की ओर से यह बयान पाकिस्तान को आतंकियों को मदद करने वाले देशों की अंतर्राष्ट्रीय सूची में डालने की प्रक्रिया शुरू होने की चर्चा के बीच आया है।
दरअसल पाकिस्तानी वित्त मंत्री राणा अफजल ने पाकिस्तानी संसद में दिए बयान में कहा था कि देश की आर्थिक तरक्की को नुकसान पहुंचाने के लिए अमरीका और ब्रिटेन उसे आतंकियों को मदद देने वाले देशों की सूची में डालना चाहते हैं। इससे पाकिस्तान को विदेशों से आर्थिक सहायता मिलनी मुश्किल हो जाएगी और विदेशी पूंजीनिवेश पर भी गलत असर पड़ेगा। वैसे पाकिस्तान इस निगरानी सूची में सन 2012 से 2015 के बीच रह चुका है।
कुछ दिनों पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर अमरीकी नेताओं को आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर मूर्ख बनाने का आरोप लगाया था। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था कि पाकिस्तान अब तक अतंकियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अमरीका को मूर्ख बनाता रहा है। सच्चाई यह है कि पाकिस्तान इस समय अातंकियों की आरामगाह बना हुआ है। इसके बाद पाकिस्तान को अमरीका की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि पर भी रोक लगा दी थी।