Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 12:42 PM
लगातार बढ़ रहा एनपीए से मोदी सरकार के लिए मुश्किल बना हुआ था और अब हुए पीएनबी घोटाले के कारण विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार आ गई है। विपक्ष द्वारा इस घोटाने की जमकर निंदा की जा रहा है जबकि मोदी सरकार सफाई दे रही है कि
नई दिल्लीः पहले से ही बढ़ रहा एनपीए मोदी सरकार के लिए मुसीबत बना हुआ था और अब हुए पीएनबी घोटाले के कारण मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। विपक्ष द्वारा इस घोटाले की जमकर निंदा की जा रही है जबकि मोदी सरकार सफाई दे रही है कि ये घोटाला 2011 में शुरु हुआ है। इन घोटालों के कारण मोदी सरकार बैकिंग सैक्टर को लेकर सख्त हो गई है।
मोदी सरकार अब बैंकों के चेयरमैन, एमडी और सीईओ जैसे पदों का सलेक्शन प्रोसेस और सख्त करने जा रही है। इसके लिए अब एडवाइजरी फर्म की नियुक्ति की तैयारी है, जो बैंकों में उच्च पदों पर नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की लीडरशिप क्वॉलिटी पहचाने में बैंक्स बोर्ड ब्यूरो की मदद करेगी। इस संबंध में इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने प्रॉसेस भी शुरू कर दिया है।
बैंकों में उच्च पदों की सिलैक्शन पर होगा फोकस
सूत्रों के अनुसार इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने बैंक्स बोर्ड ब्यूरो की डिमांड पर एडवाइजरी फर्म के सेलेक्शन का प्रॉसेस शुरू कर दिया है। इसके तहत मार्च के महीने तक एडवाइजरी फर्म के सलेक्शन का प्रॉसेस पूरा कर लिया जाएगा, जिससे नए फाइनेंशियल ईयर यानी साल 2018-19 में पब्लिक सेक्टर बैंकों में चेयरमैन, एमडी और सीईओ के सलेक्सन प्रोसेस को नए तरीके से शुरू किया जा सके।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने बिडिंग के लिए जो क्राइटेरिया तय किया है, उसके तहत सेलेक्ट होने वाली एडवाइजरी फर्म की इंटरव्यू में आने वाले कैंडिडेट की पर्सनालिटी टेस्ट पर प्रमुख रुप से काम करना होगा। यानी वह बैंक्स बोर्ड ब्यूरो को यह बताएगा कि कैंडिडेट में लीडरशिप क्वालिटी किस तरह की है। उसे किसी बात को प्रजेंट करने की क्या क्षमता है। फर्म का काम पूरी तरह से एडवाइजरी का होगा। कैंडिडेट के सलेक्शन की जिम्मेदारी बैंक्स बोर्ड ब्यूरो की होगी।