बोफोर्स डील मामला: दोबारा जांच की अनुमति को लेकर टली सुनवाई

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 03:49 PM

bofors deal case

बोफोर्स तोप डील मामले में दुबारा अनुमति को लेकर एक बार फिर सुनवाई टाल दी गई है। सीबीआई कोर्ट में दस्तावेज के अभाव में यह तय नहीं हो पाया कि मामले की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया जाए या नहीं, मामले पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी...

नेशनल डेस्क: बोफोर्स तोप डील मामले में दुबारा अनुमति को लेकर एक बार फिर सुनवाई टाल दी गई है। सीबीआई कोर्ट में दस्तावेज के अभाव में यह तय नहीं हो पाया कि मामले की नए सिरे से जांच करने का निर्देश दिया जाए या नहीं, मामले पर अगली सुनवाई 7 अप्रैल को होगी। 

शनिवार को सीबीआई की ओर से दायर याचिका पर तीस हजारी अदालत स्थित चीफ मैट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आशु गर्ग ने सुनावाई की। उन्होंने कहा कि केस से संबंधित दस्तावेज अभी पूरे नहीं हैं। ऐसे में केस की सुनवाई करना संभव नहीं है। गर्ग ने सीबीआई को पूरे दस्तावेज मुहैया कराने का निर्देश दिया है। 

कोर्ट में सीबीआई ने 1 फरवरी को याचिका दाखिल की थी, सीबीआई ने मामले में 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के केस बंद करने के आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ये इसलिये भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि एजेंसी ने अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल की सलाह के बाद ऐसा किया है,जिसमें 13 साल बाद पहले से बंद मामले को फिर से रीओपन कर शुरू करना सीबीआई की साख के लिए घातक होने की बात कही थी। 

राजीव गांधी की सरकार के वक्त हुई थी डील
बोफोर्स तोप का निर्माण करने वाली स्वीडन कंपनी का आरोप था, उसने लगभग 1473 करोड़ के इस सौदे को पाने के लिए 1986 में राजीव गांधी की सरकार के वक्त 64 करोड़ रुपये की घूस दी थी। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास स्विस अकाउंट मॉन्ट ब्लैक की जानकारी है। जिसमें घूस की रकम को जमा किया गया था।

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