Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Feb, 2018 05:39 PM
भारतीय रिजर्व बैंक निकट भविष्य में देखो और प्रतीक्षा करो की नीति अपनाते हुए शुरुआती छह माह में संभवत: ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। अध्ययन में अनुमान व्यक्त किया गया है कि इस साल पहली...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक निकट भविष्य में देखो और प्रतीक्षा करो की नीति अपनाते हुए शुरुआती छह माह में संभवत: ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। अध्ययन में अनुमान व्यक्त किया गया है कि इस साल पहली छमाही में केंद्रीय बैंक नीतिगत मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखेगा। कोटक के शोध नोट में कहा गया है कि खुदरा मुद्रास्फीति के अलावा मानसून, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि और कच्चे तेल की कीमतों जैसे कारक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का रुख तय करेंगे। इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि कम से कम इस साल की पहली छमाही में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ब्याज दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगी।
उसकी निगाह मानसून, एमएसपी वृद्धि के अलावा कच्चे तेल के दामों पर रहेगी।’’ घरेलू ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार जून, 2018 तक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.85 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। सात फरवरी को मौद्रिक समीक्षा में एमपीसी ने मुख्य नीतिगत दर रेपो को छह प्रतिशत पर कायम रखा है। इस बीच, वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि 2018 की आखिरी तिमाही में रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ा सकता है।