Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Aug, 2022 07:17 AM
आज स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान शंकर व भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय अर्थात भगवान स्कंद को समर्पित है। शास्त्र निर्णयामृत के अनुसार शुक्ल षष्ठी को दक्षिणापथ में भगवान कार्तिकेय
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Skanda Shasti 2022: आज स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व भगवान शंकर व भगवती पार्वती के पुत्र कार्तिकेय अर्थात भगवान स्कंद को समर्पित है। शास्त्र निर्णयामृत के अनुसार शुक्ल षष्ठी को दक्षिणापथ में भगवान कार्तिकेय के दर्शन मात्र से ब्रह्महत्या जैसे पापों से मुक्ति मिलती है। महादेव के तेज से उत्पन्न स्कंद की छह कृतिकाओं ने रक्षा की थी। स्कंद की उत्पत्ति अमावास्या को अग्नि से हुई थी, वे चैत्र माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी को प्रत्यक्ष हुए थे। कार्तिकेय देवताओं के द्वारा सेनानायक बनाए गए थे व तारकासुर का वध किया था।
Significance of Skanda Sashti: अत: उनकी पूजा, दीपों, वस्त्रों, अलंकरणों व खिलौनों के रूप में की जाती है। कृत्यरत्नाकर, ब्रह्म पुराण व हेमाद्रि आदि शास्त्रों में भगवान स्कंद की व्यख्या को समझाया है। भगवान कार्तिकेय युद्ध, शक्ति व ऊर्जा के प्रतीक माने जाते हैं। शास्त्रों में शिव पार्वती सहित कार्तिकेय की पूजा संतान के स्वास्थ्य के लिए सभी शुक्ल षष्ठी पर करने का विधान है। मान्यतानुसार विवाद को निपटाने व कलह से मुक्ति हेतु स्कंद षष्ठी पर कार्तिकेय की आराधना निश्चित सफलता देती है।
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Skanda Sashti puja विशेष पूजन: शिवालय जाकर भगवान कार्तिकेय का विधिवत पूजन करें। गौघृत में साबुत धनिया के बीज डालकर दीप करें, तगर से धूप करें, पीले कनेर के फूल चढ़ाएं, सिंदूर चढ़ाएं, मौसमी का फलाहार चढ़ाएं व मिश्री का भोग लगाएं व इलायची व मिश्री में बने मिष्ठान का भोग लगाएं। इस विशेष मंत्र को 108 बार जपें। इसके बाद फल किसी गरीब को बांट दें।
lord kartikeya mantra विशेष मंत्र: ॐ स्कन्दाय खड्गधराय नमः॥
Skanda Shashti Upay: उपाय
कलह से मुक्ति हेतु कार्तिकेय पर चढ़ी पालक का गुच्छा गाय को खिलाएं।
संतान के स्वास्थ्य लाभ हेतु कार्तिकेय पर चढ़ा खिलौना गरीब बच्चे को दान करें।
कलह मुक्ति हेतु कार्तिकेय पर चढ़ी साबुत धनिया के दाने कर्पूर से जला दें।