Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Feb, 2018 12:02 PM
रेटिंग एजेंसी फिच ने 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को आज ‘रेटिंग वाच निगेटिव’ श्रेणी में रख दिया। यह पीएनबी की रेटिंग घटाने का संकेत हो सकता है। उसने कहा कि बैंकिंग इतिहास के इस सबसे बड़े घोटाले से आंतरिक...
नई दिल्लीः रेटिंग एजेंसी फिच ने 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले के सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को आज ‘रेटिंग वाच निगेटिव’ श्रेणी में रख दिया। यह पीएनबी की रेटिंग घटाने का संकेत हो सकता है। उसने कहा कि बैंकिंग इतिहास के इस सबसे बड़े घोटाले से आंतरिक एवं बाह्य जोखिम नियंत्रण तथा प्रबंधकीय निगरानी पर सवाल खड़े होते हैं क्योंकि कई साल तक यह पकड़ में नहीं आ सका।
फिच ने कहा, ‘‘फिच रेटिंग ने पीएनबी में बड़े घोटाले का खुलासा होने के बाद उसे व्यावहारिकता रेटिंग की ‘रेटिंग वाच निगेटिव’ श्रेणी में रख दिया है।’’ फिच के अनुसार, व्यावहारिकता रेटिंग से किसी वित्तीय संस्थान की ऋण विश्वसनीयता का पता चलता है तथा यह संबंधित निकाय की असफलता का सूचक होता है। फिच नियंत्रण की असफलता के बारे में चीजें स्पष्ट होने तथा पीएनबी की वित्तीय स्थिति पर इसके असर को देखने के बाद एक बार फिर रेटिंग वाच का विश्लेषण करेगा।’’
घोटाले से बैंक की छवि को पहुंचा धक्का
रेटिंग एजेंसी का कहना है कि इस घोटाले से बैंक की छवि को धक्का पहुंचा है और इसका पूंजी बाजार पर भी असर हुआ है। उसने कहा कि वह पीएनबी की जिम्मेदारियों, संभावित वसूली तथा आंतरिक एवं बाह्य स्रोतों से नई अतिरिक्त पूंजी के प्रबंध की निगरानी करेगा ताकि वह तय कर सके कि बैंक की वित्तीय स्थिति मौजूदा रेटिंग के स्तर की है या नहीं, हालांकि फिच ने कहा कि इस घोटाले से बैंक के ‘सपोर्ट रेटिंग फ्लोर’ पर असर पडऩे की आशंका कम है क्योंकि दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक होने के नाते यह बैंकिंग प्रणाली में काफी महत्वपूर्ण है।