मुख्य सचिव मारपीट मामला: देना होगा केजरीवाल को जवाब, या बनेंगे सह आरोपी?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 09:40 AM

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मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई हाथापाई मामले में सीएम केजरीवाल को गवाही देनी पड़ेगी, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें आरोपी बनाया जा सकता है। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी सह आरोपी या गवाह बनाया जा सकता है। हालांकि ये आगे की जांच पर...

नई दिल्ली(संजीव यादव): मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ हुई हाथापाई मामले में सीएम केजरीवाल को गवाही देनी पड़ेगी, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें आरोपी बनाया जा सकता है। उनके साथ डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी सह आरोपी या गवाह बनाया जा सकता है। हालांकि ये आगे की जांच पर निर्भर है। केजरी के पीएस वीके जैन के कोर्ट में हुए बयानों से साफ हो गया है कि दोनों लोग घटना के समय मौजूद थे और उन्होंने मुख्य सचिव को बचाने का कोई प्रयास नहीं किया। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब ये बयान जांच में आरोपी की तरह दर्ज होंगे या फिर एक गवाह के तौर पर,ये जांच में तय होगा। क्योंकि शुक्रवार को जो साक्ष्य मौके से मिले हैं उनसे ये बात तो साफ है कि घटना के साक्ष्य मिटाने के प्रयास हुए हैं, सीसीटीवी की फुटेज से छेड़छाड़ भी की गई है। जहां घटना हुई है, वहां कैमरा नहीं लगा है और अभी तक सीएम और डिप्टी सीएम ने जो बातें सोशल मीडिया पर कही हैं, वे घटना से मेल नहीं खाती हैं।

यहां फंस रहे हैं 11 विधायक 
21 कैमरों की फुटेज लीक, 7 में रिकॉर्डिंग बंद, क्या हुई थी छेड़छाड़?
एडिशनल डीसीपी हरेन्द्र कुमार ने सीएम के घर सीसीटीवी की डीवीआर को कब्जे में लेने के बाद कहा है कि इसमें मुख्य सचिव के टाइमिंग को लेकर छेड़छाड़ की गई है। यही नहीं, सीएम के घर में लगे कैमरों में कैद हुई वारदात बेहद संवेदनशील होती है तो सोशल मीडिया तक वायरल कैसे हो गई? 7 कैमरे खराब थे तो क्या इसकी जानकारी सिक्योरिटी स्टाफ को थी? अधिकारी ने कहा कि हमारी फॉरेंसिक टीम अब इस मामले की जांच करेगी कि कब इनकी रिकॉर्डिंग को रोका गया था? क्या इन कैमरों से छेड़छाड़ हुई थी?

कौन सही,  कौन गलत
दर्ज एफआईआर के मुताबिक मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने घटना का वक्त रात 12 बजे का बताया है। लेकिन जांच में पाया गया है कि वे 11.25 तक ही वहां मौजूद थे। अब या तो कैमरे गलत हैं या फिर मुख्य सचिव झूठ बोल रहे हैं।

मेडीकल रिपोर्ट से विधायक फंसे
मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि और ये रिपोर्ट शिकायत के बाद आई है, साफ है कि मुख्य सचिव झूठ नहीं बोल रहे। जबकि सीएम सहित आप विधायकों ने कहा था कि उन्होंने नहीं, बल्कि मुख्य सचिव ने उनके साथ गाली गलौज की थी और एक बहस के बाद वो चले गए थे।

केजरी-मनीष को इन सवालों के जवाब देने होंगे 
जब आप लोग मौजूद थे तो आपने मुख्य सचिव को बचाया था या नहीं? आप क्या मारपीट में साथ दे रहे थे? अगर घटना नहीं हुई थी तो अंशु प्रकाश को चोट कैसे लगी? ये बयान अन्य विधायकों के बयान से मिलान कराए जाएंगे। एफआईआर के मुताबिक बैठक आपने बुलाई थी, आपके अनुसार ये बैठक विज्ञापन से संबंधित थी। लेकिन आपके मीडिया के बयानों के मुताबिक बैठक खाद्य विभाग से संबंधित थी। लेकिन खाद्य मंत्री क्यों नहीं थे? 

रात 12 बजे राजधानी में कोई बड़ी वारदात नहीं थी तो ‘आपात स्थिति’ में मुख्य सचिव को क्यों बुलाना पड़ा?
रात 12 बजे 11 विधायकों की मौजूदगी क्यों थी? मारपीट साजिशन थी या घटनाक्रम यकायक हुआ?
आपके यहां लगे सीसीटीवी से छेड़छाड़ हुई है, क्यों?


 

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