Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Feb, 2018 02:24 PM
सूर्य मानव शरीर में आत्मा का कारक माना जाता है। इस द्युलोक में सूर्य भगवान नक्षत्र तारों के मध्य में विराजमान रहकर तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं।
सूर्य मानव शरीर में आत्मा का कारक माना जाता है। इस द्युलोक में सूर्य भगवान नक्षत्र तारों के मध्य में विराजमान रहकर तीनों लोकों को प्रकाशित करते हैं। पुराणों के अनुसार सूर्य देवता के पिता का नाम महर्षि कश्यप व माता का नाम अदिति है।
मान्यताओं के आधार पर यदि सूर्य देव के कुछ उपाय किए जाए तो लाभ प्राप्ति होती है। प्रत्येक रविवार सूर्य का व्रत करने से व्रत करने वाले को नौकरी में उच्च पद और प्रतिष्ठा हासिल होती है। इसके अलावा रविवार को व्रत करने से नेत्र व चर्म रोग से मुक्ति मिलती है।
रविवार के दिन करें ये उपाय
रविवार रात को सोते समय एक गिलास दूध भर कर अपने सिरहाने रखें फिर सोमवार को सूर्योदय से पहले उठें और स्नान आदि से निवृत्त होकर दूध को बबूल के पेड़ की जड़ में अर्पित कर दें। सात या 11 रविवार यह उपाय करने से धन धान्य की वृद्धि होती है।
रविवार के दिन तांबे के बर्तन या घी का दान करना चाहिए।
रविवार के दिन आदित्य हृदय स्रोत का पाठ करना अच्छा होता है। इसके साथ ही नेत्रोपनिषद का पाठ करने से आंखों की रोशनी ठीक रहती है।
तांबे के लोटे में जल भर कर, इसमें थोड़े फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। यह उपाय स्वास्थ्य और नौकरी-व्यवसाय को ठीक रखने में मदद करता है।
किसी भी सूर्य मंत्र का 21 बार जाप करें।
रविवार के दिन लाल वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा दान करें।
इसके अलाव माणिक्य, गुड़, कमल-फूल, लाल-वस्त्र, लाल-चंदन, तांबा, स्वर्ण सभी वस्तुएं एवं दक्षिणा रविवार के दिन दान करें।
मंत्र-
ॐ घृणि सूर्याय नम: का जाप करें। सूर्य देव के इस मंत्र से समस्त परेशानियां दूर होती है।