Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Feb, 2018 03:30 PM
भगवान शिव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक तमिलनाडु के तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर है। यह पूरी तरह से ग्रेनाइट निर्मित है। पूरे विश्वभर का एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट बना हुआ है। इसकी दीवार एवं छतों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है।
भगवान शिव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक तमिलनाडु के तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर है। यह पूरी तरह से ग्रेनाइट निर्मित है। पूरे विश्वभर का एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट बना हुआ है। इसकी दीवार एवं छतों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है। इससे बनाने में लगभग 130000 टन ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ था। यह अपनी वास्तुकला के कारण विश्व विख्यात है। अपनी भव्यता, वास्तुशिल्प और केंद्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। यह विश्व के सबसे ऊंचे मंदिरों में से एक है। इतना ही नहीं इसको यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।
मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर भगवान शिव की विभिन्न मुद्राओं के भित्ति चित्र अंकित हैं। दक्षिण भारत के मंदिरों के मुख्य द्वार के उपर पिरामिड जैसी संरचना होती है, जिसे गोपुरम कहते हैं। इस मंदिर का गोपुरम एक ही पत्थर से ताराश कर बनाया गया है और इसका वजन 80 टन है। एक खास बात यह भी है कि इसकी परछाई जमीन पर नहीं पड़ती।
प्रवेेश द्वार पर ग्रेनाइट के एक ही पत्थर को तराशकर बनाई गई नंदी की मूर्ति भी आपको आश्चर्य चकित कर देगी। यह मूर्ति 16 फीट लंबी और 13 फीट चौड़ी है। इस मंदिर को पेरूवुदईयार कोविल, तंजई पेरिया कोविल, राजाराजेश्वरम तथा राजाराजेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।