Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 12:57 PM
बात वर्ष 2004 की है। भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर थी। टीम के कप्तान सौरभ गांगुली को एक फोन आता है। फोन की दूसरी तरफ पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ थे। उनकी बात सुनकर गांगुली ‘सहम’ जाते हैं। अपनी आने वाली...
नई दिल्ली: बात वर्ष 2004 की है। भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर थी। टीम के कप्तान सौरभ गांगुली को एक फोन आता है। फोन की दूसरी तरफ पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ थे। उनकी बात सुनकर गांगुली ‘सहम’ जाते हैं। अपनी आने वाली आत्मकथा ‘अ सैंचुरी इज नॉट एन्अफ’ में गांगुली उस वाकया को याद करते हुए कहते हैं-वसीम अकरम की खतरनाक इन-कटर का सामना करना ज्यादा आसान था। वैसे मुशर्रफ के इस फोन के पीछे की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं। दौरे के दौरान भारतीय टीम लाहौर के पर्ल कॉन्टिनैंटल होटल में रुकी थी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। पत्रकार गौतम भट्टाचार्य के साथ लिखी किताब में गांगुली बताते हैं-खैर आधी रात के बाद मुझे पता चला कि मेरे दोस्त लाहौर की मशहूर फूड स्ट्रीट जाकर कबाब और तंदूरी खाने का प्लान बना रहे हैं। गांगुली कहते हैं-मैंने सुरक्षा अधिकारी को इसकी जानकारी नहीं दी। मैं जानता था कि वह मुझे जाने नहीं देंगे। मैंने सिर्फ टीम मैनेजर रत्नाकर शेट्टी को बताया। मैं पिछले दरवाजे से निकला। मेरे सिर पर टोपी थी और चेहरा आधा ढका हुआ था।
मुशर्रफ ने मजबूती से कही अपनी बात
अपनी पहचान छुपाने के लिए गांगुली ने एक तरीका अपनाया। किसी ने मुझसे उत्साहित होकर पूछा-अरे आप सौरभ गांगुली हो ना। मैंने आवाज बदलकर कहा-नहीं। उसने अपना सिर हिलाया और बोला-मुझे भी यही लगा पर आप बिल्कुल सौरभ जैसे दिखते हो। गांगुली ने लिखा-हम अपना भोजन समाप्त करने ही वाले थे कि कुछ दूरी पर ही पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी बैठे थे। जैसे ही राजदीप ने मुझे पहचाना वह चिल्लाने लगे, सौरभ-सौरभ। मैं समझ गया था कि मैं मुश्किल में हूं। जल्द ही वहां लोगों का हुजूम जमा हो गया।
उन्होंने लिखा-लोग हमारी ओर आने लगे और मैं फंस गया। मैंने बिल देकर वहां से निकलने की कोशिश की, लेकिन दुकानदार ने पैसे लेने से इन्कार कर दिया। वह यह कहता रहा, बहुत अच्छा। हमें पाकिस्तान में भी आप जैसा आक्रामक कप्तान चाहिए। अभी काफी कुछ होना बाकी था। गांगुली ने लिखा-जब हम होटल लौट रहे थे तो एक मोटरसाइकिल सवार ने हमारा पीछा किया। खैर, गांगुली सुरक्षित होटल पहुंच गए थे, लेकिन खबर मुशर्रफ तक पहुंच गई थी। तभी उन्होंने गांगुली को फोन किया। गांगुली ने कहा-राष्ट्रपति मुशर्रफ ने नम्रता लेकिन मजबूती के साथ अपनी बात कही। उन्होंने कहा, अगली बार आप बाहर जाएं तो सिक्योरिटी स्टाफ को जरूर बताएं। हम आपके लिए इंतजाम करेंगे, लेकिन प्लीज इस तरह का खतरा न उठाएं।